चंडीगढ़ : कैप्टन अभिमन्यु ने राज्य विधानसभा में अपने बजट प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए कहा कि उद्योग एवं खनिज के लिए 399.86 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय प्रस्तावित किया गया है, जो संशोधित अनुमान 2017-18 के 189.11 करोड़ रुपये की तुलना में 111.44 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने बताया कि राज्य में बुनियादी ढांचे को सुदृृढ़ बनाने और रोजगार के अवसर सृृजित करने में उद्योगों की महत्वपूर्ण भूमिका को समझते हुए हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने अपने वर्ष 2018-19 के बजट में उद्योग एवं खनिज के परिव्यय को दोगुणा से अधिक किया है।
राज्य सरकार ने विकास के अगले स्तर पर अग्रसर करने के लिए ‘मेक इन इंडिया डिजिटल इंडिया’ और ‘स्किलिंग इंडिया’ अभियानों के साथ संरेखित करते हुए एक अनूठी ‘उद्यम प्रोत्साहन नीति-2015’ (ईपीपी) लागू की। हरियाणा में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए, राज्य सरकार ने फरवरी, 2017 में हरियाणा उद्योग प्रोत्साहन केन्द्र नामक सिंगल रूफ मैकेनिज्म की स्थापना की है। एकल खिडक़ी की अवधारणा के साथ आगे बढऩे और सभी औद्योगिक स्वीकृृतियां,लाइसेंस देने के लिए एकल कार्यालय की परिकल्पना करने वाला हरियाणा भारत का एकमात्र राज्य है।
इस केन्द्र के माध्यम से सभी औद्योगिक स्वीकृृतियां समयबद्ध तरीके से ऑनलाइन दी जा रही हैं। नई उद्यम प्रोत्साहन नीति ने राज्य में उद्योगों के विकास अनुकूल वातावरण बनाया है। वर्ष 2016 में ईज ऑफ डुइंग बिजनेस रैंकिंग में हरियाणा देश में 14वें स्थान पर था। उद्यमियों के लिए अनुकूल माहौल सृृजित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के फलस्वरूप हरियाणा आज भारत सरकार के ईज ऑफ डुइंग बिजनेस फेमवर्क की रैकिंग में देश के सभी राज्यों में पहले स्थान पर आ गया है।
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– राजेश, आहूजा