अम्बाला : बीते दो दशकों के सबसे बड़े आतंकी हमले से अम्बाला के ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। पुलवामा अटैक में शहीद हुए सीआरपीएफ के 44 जवानों की अकाल मृत्यु से आहत अम्बाला के समीपवर्ती गांव मुलाना के ग्रामीणों ने वहां रह रहे एमएमयू यूनिवर्सिटी के युवक व युवतियों को 24 घंटे के भीतर गांव छोड़नेे का फरमान दे दिया।
इन ग्रामीणों ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए कश्मीरी आंतकी हमले की निंदा करते हुए शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी और इसके बाद पूरे गांव में प्रदर्शन करते हुए विभिन्न चौकों पर एक सार्वजनिक घोषणा की। इस पूरी कार्यवाही का वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में ग्रामीणों की ओर से हिदायत दी गई है कि जितने भी कश्मीरी युवक-युवतियां उनके घरों में रह रहे हैं उन्हें 24 घंटे के भीतर अपने-अपने घरों से बाहर निकाल दें। बेशक उन्हें बकाया किराया मिलेे या न मिले।
ग्रामीणों को चेतावनी दी गई है कि आप लोग बारूद के ढेर पर बैंठे है क्योंकि यहां रह रहे एमएमयू के छात्रों में से 3 तो कश्मीर के खूूंखार आतंकियों के भाई हैं। ग्रामीणों को सचेत किया गया है कि इन छात्रों की गतिविधियां गलत हैं क्योंकि जब पूरा देश पुलवामा अटैक के शोक में डूबा हुआ था उस वक्त इन कश्मीरी छात्रों ने एमएमयू के कमरों में न केवल पार्टी की बल्कि लड्डू भी बांटे। वीडियो में यह भी कहा गया है कि फुलवामा अटैक के बाद ग्रामीणों ने भगतसिंह चौंक पर 7 दिनों में इन छात्र-छात्राओं को अपने घरों से निकालने के लिए कहा था लेकिन अब 24 घंटे में ही इन्हें बाहर निकालने का आदेश देते हुए वार्निंग दी है कि जो भी ग्रामीण इन्हें घर से नहीं निकालेगा उनके घर के बाहर न केवल धरना-प्रदर्शन किया जाएगा बल्कि उसे गांव व देश का गद्दार भी माना जाएगा।
इस सम्बन्ध में एमएमयू प्रशासन से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पुलवामा अटैक के बाद जिला प्रशासन ने उनसे कश्मीरी विद्यार्थियों की विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। जिसके बाद यूनिवर्सिर्टी परिसर में चल रहे विभिन्न कोर्सों के 11 कॉलेजों को यह जानकारी उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए गए है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सोमवार तक यह रिपोर्ट बनकर तैयार हो जाएगी। इस सम्बन्ध में जब एसएचओ मुलाना हरभजन सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि आज ही उन्होंने पदभार सम्भाला है।
(राजेन्द्र भारद्वाज)