हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के एक दिन बाद ही सरकार गठन की कवायद तेज हो गई और राज्य के शीर्ष नेताओं ने दिल्ली का रुख कर लिया है। इस बीच सिरसा सीट पर जीत दर्ज करने वाले हरियाणा लोकहित पार्टी के गोपाल कांडा ने शुक्रवार को दावा किया कि उन्होंने और अन्य निर्दलीय विजयी उम्मीदवारों ने ‘‘बिना किसी शर्त बीजेपी को समर्थन देने का फैसला लिया है।
कांडा ने कहा, ‘‘ मेरा परिवार 1926 से संघ से जुड़ा है। मेरा पिता बीजेपी से जुड़े हैं।’’ सत्तारूढ़ पार्टी ने राज्य में सबसे अधिक 40 सीटों पर जीत दर्ज की है, लेकिन बहुमत से वह छह सीटें पीछे रह गई। वहीं कांग्रेस ने 31 सीटों पर जीत दर्ज की। राज्य में नतीजे घोषित किए जाने के बाद से ही सरकार गठन के लिए सभी पार्टियों ने भाग दौड़ शुरू कर दी है।
अब सबकी नजर सात विजयी निर्दलीय उम्मीदवारों और जननाक जनता पार्टी (जजपा) पर है, जिसमें राज्य में 10 सीटें हासिल की है। वहीं इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और हरियाणा लोकहित पार्टी के पास एक-एक सीट है। खट्टर ने शुक्रवार सुबह यहां पहुंचते ही विजयी निर्दलीय उम्मीदवारों से हरियाणा भवन में मुलाकात शुरू कर दी और सरकार गठन पर चर्चा के लिए बीजेपी के शीर्ष नेताओं से भी मुलाकात की।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने भी विजयी निर्दलीय उम्मीदवारों से बीजेपी के खिलाफ आने की अपील करनी शुरू कर दी है। वह यहां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद से भी मुलाकात करेंगे। राज्य बीजेपी अध्यक्ष का पद छोड़ने की पेशकश करने वाले सुभाष बराला ने दावा किया, ‘‘हरियाणा में बीजेपी ही सरकार बनाएगी और राज्य के पूर्ण विकास के लिए काम करेगी। अधिकतर निर्दलीय हमारा समर्थन कर रहे हैं।’’
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ऐसी खबर है कि दो विजयी निर्दलीय उम्मीदवारों ने बीजेपी के राज्य प्रभारी और पार्टी के महासचिव अनिल जैन से कल गुरुवार रात मुलाकात की। कांडा और निर्दलीय विजयी उम्मीदवार रणजीत सिंह सिरसा की सांसद सुनीता दुग्गल के साथ एक निजी विमान में दिल्ली पहुंचे। उड़ान भरने से पहले उन्होंने पत्रकारों को बताया कि वे सिरसा के विकास के लिए काम करने वाली पार्टी का समर्थन करेंगे।
दुग्गल ने हालांकि दो निर्दलीय उम्मीदवारों को दिल्ली लाने के सवाल पर टिप्पणी से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘यह बीजेपी का अंदरूनी मामला है।’’ पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के भाई रणजीत सिंह ने कांग्रेस से टिकट ना मिलने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया था। पूर्व सांसद दीपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कई निर्दलीय विजयी उम्मीदवार कांग्रेस के सम्पर्क में हैं।
हुड्डा ने कहा, ‘‘हरियाणा ने बीजेपी का बाहर का रास्ता दिखाया है यह स्पष्ट है। बीजेपी पर निर्दलीय विजयी उम्मीदवारों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। लोकतंत्र में इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।’’ कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी कांडा का समर्थन हासिल करने की कोशिश के लिए बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी हमेशा उनके खिलाफ रही है।
पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस निर्दलीय विजयी उम्मीदवारों से सम्पर्क करने से पहले जजपा के निर्णय का इंतजार कर रही है। कांग्रेस हरियाणा में उसके नेतृत्व में ‘महागठबंधन’ बनाने की कोशिश कर रही है ताकि कर्नाटक वाली गलती यहां ना दोहराई जाए, जहां एक मामूली गठबंधन सहयोगी के कारण उन्हें मुख्यमंत्री पद गंवाना पड़ा था।