चंडीगढ़ : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नए राष्ट्रीय राजमार्ग-152 डी के लिये भूमि अधिग्रहण के उचित मुआवजे की मांग को लेकर दादरी जिले की ढाणी फौगाट में बैठे एक किसान की आज सुबह हुई मौत के लिये राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। श्री हुड्डा ने जारी एक बयान में कहा कि राज्य सरकार की हठधर्मिता के कारण ही किसान रामोतर की जान चली गई। उन्होंने कहा कि इस किसान की सारी जमीन नये राजमार्ग में चली गई और पारिवारिक आर्थिक स्थिति बिगड़ जाने के कारण वह तनाव में था।
उन्होंने दावा कि जमीन जाने के सदमे से रामोतर की मौत हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस राजमार्ग के लिये अधिगृहीत जमीनों के उचित मुआवजे की मांग को लेकर राज्य में अनेक जगहों पर किसान धरने पर बैठे हुये हैं लेकिन सरकार की ओर से इनकी कथित तौर पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। प्रशासन की संवेदनहीनता इस कदर है कि किसान रामोतर की मौत के बाद कोई भी अधिकारी किसानों की सुध लेने नहीं पहुंचा है। उन्होंने कहा ‘शुक्रवार को विधानसभा के मौनसून सत्र में उन्होंने यह मामला सदन में उठाया था तथा सरकार को किसानों के सम्बंध में उचित फैसला देने की अनुरोध किया था लेकिन वह आंखें बंद किये बैठी रही‘।
श्री हुड्डा के अनुसार इसी मुद्दे पर इससे पहले जुलाना में एक किसान की मौत हो चुकी है। वहीं दादरी के खातीवास गांव में भी एक किसान को इसी सिलसिले में आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ था। उन्होंने सरकार से पीड़ति परिवार को आर्थिक मदद देने के साथ परिवार के एक सदस्य को स्थाई सरकारी नौकरी देने की मांग की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अविलम्ब इस राजमार्ग को लेकर धरने पर बैठे किसानों से बात करनी चाहिए और सहानुभूतिपूर्वक उनकी जायज मांगों को पूरा करना चाहिए।