करनाल : अतिथि अध्यापकों पर समान काम समान वेतन लागू करने की मांग को लेकर गुरुवार को गेस्ट टीचरों ने सेक्टर 12 से ओएसडी कार्या्लय तक विरोध प्रदर्शन किया। ओएसडी कार्यालय से कुछ दूरी पर अध्यापक सडक़ पर बैठ गए। यहां महिला अध्यापकों ने खून से प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम निमंत्रण पत्र लिखा। निमंत्रण पत्र में कहा गया कि भाजपा सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में महिला अध्यापक छह मई को सीएम सिटी करनाल में सामुहिक मुंडन करवाएंगी। इस मुंडन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री सादर आमंत्रित हैं। महिलाओं ने खून से यह पत्र लिखे। इसके बाद हजारों की संख्या में पहुंचे अतिथि अध्यापकों ने ओएसडी कार्यालय का घेराव किया।
महिला अध्यापकों ने बेरीकेट को धकेला और कई अध्यापिकाएं बेरीकेट पर चढ़ गई। अध्यापकों में सरकार के प्रति भारी गुस्सा देखने को मिला और भाजपा को झूठों की सरकार बताया। इस मौके पर संघर्ष समिति हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के संयोजक पारस शर्मा ने कहा कि 17 फरवरी को चंडीगढ़ में अतिथि अध्यापकों के साथ हुई वार्ता में प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री ने अतिथि अध्यापकों को समान काम समान वेतन देने का वादा किया था। दो महीने बीत गए मगर सरकार की ओर से यह आदेश लागू करने के लिए कोई पत्र जारी नहीं किया गया। प्रदेश में 14 हजार अतिथि अध्यापक 12 सालों से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में काम कर रहे हैं। बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रत्येक अतिथि अध्यापक पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ काम कर रहा है।
अपने घरों से 200-200 किलोमीटर दूर अतिथि अध्यापक पढ़ाने के लिए जाते हैं। लेकिन सरकार सुविधाएं देने तो दूर वेतन भी पूरा नहीं देती। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने समान काम के लिए समान वेतन लागू करने के आदेश जारी किए हुए हैं, लेकिन भाजपा सरकार कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रही है। अतिथि अध्यापकों के साथ अन्या किया जा रहा है। अब अतिथि अध्यापकों ने ठान ली है कि वह समान काम समान वेतन के आदेश लागू होने तक अनशन जारी रखेंगे। किसी भी सूरत में अनशन समाप्त नहीं होगा। शहीद की पत्नी मैना यादव का संघर्ष कामयाब होगा। इस अवसर पर प्रदीप बतान, सुभाष खटाना, बरसाना व राधाकृष्ण झोरड़ ने अतिथि अध्यापकों को संबोधित किया।
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– हरीश चावला