Haryana में Aam Aadmi Party (AAP) को तगड़ा झटका देते हुए 'आप' के वरिष्ठ नेता अशोक तंवर ने 'कांग्रेस के साथ मेलजोल' पर नाराजगी व्यक्त करते हुए बृहस्पतिवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। श्री तंवर का इस्तीफा दो अन्य इस्तीफों के कुछ सप्ताह बाद आया है; राष्ट्रीय संयुक्त सचिव निर्मल सिंह और उनकी बेटी, हरियाणा आप की उपाध्यक्ष चित्रा सरवारा ने दिसंबर में इस्तीफा दे दिया था।
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'आप' के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में तंवर ने कहा, "वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य और कांग्रेस के साथ आपके मेलजोल को देखते हुए मेरी नैतिकता मुझे आम आदमी पार्टी की हरियाणा इकाई के चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष के रूप में बने रहने की अनुमति नहीं देती।" अशोक तंवर का बयान, "इसलिए, कृपया पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और अन्य सभी जिम्मेदारियों से मेरा इस्तीफा स्वीकार करें।" तंवर ने कहा कि वह 'भारत', हरियाणा और इसके लोगों की भलाई के लिए काम करना जारी रखेंगे।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए अशोक तंवर ने कहा, "इस देश के एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में और छात्र जीवन से सक्रिय राजनीति में रहने की वजह से मैंने हमेशा सबसे पहले हमारे संविधान, देश और इसके लोगों में विश्वास किया है।" तंवर का इस्तीफा हरियाणा में 'आप' के लिए एक और तगड़ा झटका है क्योंकि पार्टी के दो वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री निर्मल सिंह और राज्य इकाई की उपाध्यक्ष चित्रा सरवारा ने पिछले महीने प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। तंवर अप्रैल 2022 में आप में शामिल हुए थे। दलित समुदाय के नेता तंवर हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं और एक समय उन्हें कांग्रेस नेता राहुल गांधी का करीबी माना जाता था। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के साथ मतभेदों के बाद हिसार से पूर्व सांसद तंवर ने 2019 में कांग्रेस छोड़ दी थी। 'आप' में शामिल होने से पहले तंवर कुछ समय के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में थे।
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