हरियाणा में पिछले महीने हुये राज्यसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी (भाजपा-जजपा) समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा की जीत के खिलाफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
अदालत परिसर के बाहर संवाददाताओं से बातचीत करते हुये माकन ने कहा कि शर्मा के पक्ष में डाले गए एक वोट को खारिज कर दिया जाना चाहिए था, क्योंकि यह उस कॉलम में चिह्नित नहीं किया गया था, जहां वरीयता को दर्ज किया जाना चाहिये था।
माकन ने कहा कि चूंकि मत को वैध माना गया था, और चुनाव परिणाम पर इसका असर पड़ा था, इसलिये उन्हें याचिका दायर करनी पड़ी।एक सवाल का जवाब देते हुये माकन ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कार्तिकेय शर्मा की जीत को चुनौती दी है, क्योंकि सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायक द्वारा डाले गये मत को वैध माना गया, जिसे अवैध घोषित किया जाना चाहिये था ।
कांग्रेस की किरण चौधरी के वोट को अवैध घोषित किए जाने की खबरों के बारे में माकन ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट था कि जब किरण चौधरी वोट डालने के बाद बाहर आईं, तो उन्होंने खुद कहा था कि उन्होंने उम्मीदवार के नाम के आगे ‘टिक मार्क’ लगाया था।’’
माकन ने कहा, ‘‘हमने बैलट नंबर देखा था, जिस पर टिक मार्क लगाया गया था और उसके सीरियल नंबर की जांच भी की थी और इसलिए इसमें कोई संदेह नहीं कि खारिज किया गया वोट किरण चौधरी का था।’’
इस बीच, कांग्रेस नेता किरण चौधरी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मैं समझ सकती हूं, माकन कई चुनाव हार चुके हैं, मेरी सहानुभूति उनके साथ है। रही बात कांग्रेस पार्टी के प्रति वफ़ादारी कि तो उसका प्रमाण पत्र मुझे किसी से नहीं चाहिए। मेरी नेता सोनिया गांधी सब जानती हैं।’’
उधर, माकन ने कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी विवेक बंसल को परोक्ष रूप से आड़े हाथों लेते हुये कहा कि राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के अधिकृत मतदान एजेंट ने अंत तक कहा, ‘‘हमें एकल वरीयता के 30 मत मिले, जबकि केवल 29 मत एकल वरीयता के डाले गए।’’
भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार कृष्ण लाल पंवार तथा भाजपा-जजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा को पिछले महीने प्रदेश की दो राज्यसभा सीट के लिये हुए चुनाव में निर्वाचित घोषित किया गया था। यह चुनाव परिणाम कांग्रेस के एक लिये एक बड़ा झटका था ।
माकन ने कहा, ‘‘लेकिन एक बात जो है, एक ही समय में किरण चौधरी की गलती और हमारी पार्टी के अधिकृत एजेंट की गलती सांख्यिकीय रूप से असंभव लगती है। इसलिए उन्हें यह बताना होगा कि गलती किससे हुयी और किसने जानबूझकर की, क्योंकि दोनों एक ही समय में गलती नहीं कर सकते।’’
हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 31 सदस्य हैं, माकन की जीत के लिये यह संख्या पर्याप्त थी। हालांकि, पार्टी विधायक कुलदीप बिश्नोई ने क्रॉस वोटिंग की, जबकि एक और मत अवैध करार दे दिया गया था ।