पुलिस ने आरोप पत्र में यह भी कहा कि पीड़िता संदीप सिंह के आधिकारिक आवास में बेडरूम, साइड रूम, बाथरूम और सभी संपर्क रास्तों की पहचान करने में सक्षम थी। इससे पता चलता है कि पीड़िता ने उक्त कमरों का दौरा किया था। जबकि मंत्री ने दावा किया था कि वह केवल उनके घर के मुख्य कार्यालय केबिन में आई थीं। चार्जशीट के अनुसार, "पीड़िता के मोबाइल फोन के संबंध में सीएफएसएल (केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला) की रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि आरोपी और पीड़िता एक-दूसरे के नियमित संपर्क में थे और उनका रिश्ता पेशेवर बातचीत से परे था।" शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पिछले साल यहां सेक्टर 26 पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354, 354-ए, 354-बी, 342 और 506 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।