मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जी का जन्म:- 05 गई 1954 को अपराह्न में हरियाणा प्रदेश के रोहतक जिले के निदाना गाॅव में हुआ था। साधारण परिवार से आने वाले खट्टर साहब पंजाबी समुदाय से सम्बन्धित हैं। इनकी जन्मकुण्डली के अवलोकनोपरान्त राष्ट्रीय सम्मान से अलंकृत व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त ज्योतिष योग शोध केन्द्र, बिहार के संस्थापक दैवज्ञ पंo आर केo चौधरी ”बाबा-भागलपुर”, भविष्यवेत्ता एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ ने विवेचनोपरान्त बतलाया कि:- श्री मनोहर लाल खट्टर जी का जन्म कर्क लग्न, वृषभ के चन्द्रमा और मकर के नवांश है।
ग्रहों की स्थिति विशेषानुसार लग्नेश चन्द्र एकादश भाव में वृष के शुक्र के साथ विराजमान हैं जो उत्तम स्थिति में है, द्वितीय सूर्य व तृतीयेश-द्वादेश बुध की युति दशम् भाव में है। यह युति सम्बन्ध बुधादित्य योग और उच्चस्तरीय राजयोग ”कुलदीपक” योग का सृजन किया है। इसका परिणाम भी सामने है साधारण परिवार से आने वाले खट्टर साहब प्रदेश के सत्ता के शिखर पद मुख्यमंत्री के पद पर विराजमान हैं। चतुर्थेश शुक्र लाभ भाव में अपने घर में उच्च के चन्द्रमा के साथ है।
राजकाज के प्रबल कारक ग्रह शनि चुतुर्थ भाव में उच्च श्रेणी के राजयोग ”शश” नामक राजयोग का सृजन किया है। पंचमेश-दशमेश मंगल षष्ठम् भाव में राहु से युक्त है। यह युति सम्बन्ध को फलितकारों ने अच्छा नहीं माना है। परिणाम भी सामने हैं खट्टर साहेब चिकित्सक बनना चाहते थे लेकिन रूकावट व बाधा सहित दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त कर सदर बाजार, दिल्ली में दुकानदारी करने लगे थे। शुक्र ग्रह की प्रबलतावश इन्हें कपड़ें की व्यवसाय में सफलता मिली होगी।
षष्टेश-भाग्येश देव गुरु बृहस्पति द्वादश भाव में पीड़ित होकर विपरीत राजयोग का निर्माण कर रहा है। फलस्वरूप संघर्ष का सुखद परिणाम। परिणाम भी सामने है:- राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक बनकर संघर्ष किया और भाजपा में सम्मिलित हुये। विंशोत्तरी दशा के क्रम में शनि की महादशा और बृहस्पति के अन्तर्दशा में 26 अक्टूबर 2014 में हरियाणा प्रदेश के दसवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण कर कुल का नाम रौशन किया।
विंशोत्तरी दशा के क्रम में बुध की महादशा में शुक्र की अन्तर्दशाा उत्तम है जिसके फलस्वरूप 2019 के लोकसभा चुनाव में हरियाणा प्रदेश में इनका प्रदर्शन बेहतर रहेगा और अधिक से अधिक भाजपा प्रत्याशी को विजयश्री मिलेगी। 14 अक्टूबर 2019 से सूर्य की अन्तर्दशाा में इनकी लोकप्रियता में बढ़ोतरी होगी तथा दूसरे बार मुख्यमंत्री के पद पर विराजमान हो सकते हैं इतना ही नहीं लगतार 17 जनवरी 2023 तक ग्रह दशा उत्तम रहने के फलस्वरूप सत्ता के शिखर पद या उच्चस्तरीय संवैधानिक पद पर विराजमान हो जाय तो ज्योतिर्विद्या के आलोक में आश्चर्यजनक नहीं होगा। 18 जनवरी 2023 से कठिनाई और परेशानियाँ का दौर शुरू हो सकता है। अत: खट्टर के जोरदार टक्कर से हरियाणा भाजपा का लोकसभा में बेहतर प्रदर्शन सम्भावित है।