हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को दिल्ली में वरिष्ठ भाजपा नेताओं व केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की और अपने मंत्रिमंडल को लेकर चर्चा की। राज्य विधानसभा सत्र के सोमवार को शुरु होने से पहले मुख्यमंत्री का अपने उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के साथ दिन भर का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण है।
भाजपा के एक वरिष्ठ विधायक ने कहा, “अपनी यात्रा के दौरान खट्टर के अपने मंत्रिमंडल के नामों को अंतिम रूप देने की संभावना है।” उन्होंने कहा कि तीन दिन दिवसीय विशेष विधानसभा सत्र के बाद कैबिनेट में मंत्रियों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले हफ्ते तक कैबिनेट में 11 मंत्रियों को शामिल किया जाएगा। सत्र के पहले दिन सभी 90 विधायक शपथ लेंगे। दूसरे व तीसरे दिन क्रमश: राज्यपाल का अभिभाषण होगा और इस पर जवाब दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री खट्टर व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने 27 अक्टूबर को पद की शपथ ली। यह शपथ ग्रहण चुनाव बाद गठबंधन के बाद हुआ। चुनावों के दौरान एक दूसरे के खिलाफ कड़ी मुहिम चलाने के बाद दोनों सौहार्द प्रदर्शित कर रहे है। जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) अपने चुनावी घोषणा पत्र के वादे के अनुसार हरियाणा के युवाओं के लिए निजी क्षेत्र में 75 फीसदी आरक्षण लागू करने को प्राथमिकता दे रही है।
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दुष्यंत ने कहा, “हम अगले विधान सभा सत्र में एक विधेयक लाने जा रहे हैं, जिससे निजी नौकरियों में 75 फीसदी का आरक्षण होगा।” दुष्यंत ने कहा, “जेजेपी व भाजपा के घोषणा पत्र में करीब 60 साझा बिंदु हैं।” सूत्रों ने कहा कि जेजेपी उप मुख्यमंत्री के पद के अलावा गृह, वित्त, एक्साइज व टैक्सेशन जैसे अहम पोस्टफोर्लियो पर भी नजर रखे है।
यह पता चला है कि वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल विज पार्टी के जेजेपी के साथ पोर्टफोलियो-शेयरिंग फार्मूले से खुश नहीं हैं। छह बार के विधायक पूर्व में स्वास्थ्य व खेल मंत्री रहे हैं। गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री सहित 13 मंत्री होंगे।