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हरियाणा सरकार चयन आयोग की गलतियों में सुधार करे : हुड्डा

भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा यह पॉलिसी बनाई गई कि विधवा या विधवा के बच्चों को सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए अलग से पाँच नम्बर दिये जायेंगे।

चंडीगढ़ : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा यह पॉलिसी बनाई गई कि विधवा या विधवा के बच्चों को सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए अलग से पाँच नम्बर दिये जायेंगे। सरकार द्वारा जारी विज्ञापन संख्या 4/2018 ग्रुप डी व विज्ञापन संख्या 3/2018 (पुलिस भर्ती) में इसका साफ-साफ उल्लेख किया कि उन आवेदकों को पाँच अंक दिये जायेंगे, जिनके पिता की मृत्यु 42 साल की आयु से पहले हुई हो या पिता की मृत्यु के समय आवेदक की आयु 15 वर्ष से कम हो तथा वह अपने माता-पिता का पहला या दूसरा बच्चा हो, उन्हें अलग से पाँच अंक दिये जायेंगे। 
ग्रुप डी की भर्ती का नतीजा जनवरी, 2019 को निकला, जिसमें हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने हरियाणा सरकार की पॉलिसी का पालन करते हुए उपरोक्त शर्तों को पूरा करने वाले आवेदकों को अलग से पाँच नम्बर दिये। लेकिन हैरानी की बात यह है कि जब मार्च, 2019 में हरियाणा पुलिस की भर्ती का नतीजा आया तो चयन आयोग सरकारी पॉलिसी के मुताबिक अलग से पाँच नम्बर लेने के पात्र आवेदकों को यह लाभ देने से चूक गया। 
इस तरह हरियाणा चयन आयोग की भूल का शिकार प्रदेश के सैकड़़ों आवेदक हुए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हरियाणा चयन आयोग की गलतियों से पात्र आवेदकों के साथ हुए अन्याय को दूर करे और आयोग से कहे कि वो अपनी भूल सुधार करे। सरकार गरीब युवाओं को दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर करने की बजाए संवेदना दिखाए और चयन आयोग को सरकार द्वारा घोषित पॉलिसी का अनुसरण करने को कहे, क्योंकि सरकारी नीतियों के लाभ के पात्र लोगों को ऐसे लाभ से वंचित करना अन्यायपूर्ण तो है ही, गैरकानूनी भी है।

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