दरअसल, नीरज चोपड़ा पानीपत जिले के गांव खंडरा का रहने वाले है। उनके प्रदर्शन को लेकर ग्रामीणों में खासा उत्साह रहा। ग्रामीणों ने मैच से पहले ही मानना था कि उनका बेटा इस बार स्वर्ण जीतकर लाएगा। नीरज के जीतते ही गांव में भी दिवाली जैसा माहौल हो गया। बुडापेस्ट में विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में नीरज चोपड़ा के स्वर्ण पदक जीतने पर उनके पिता सतीश ने कहा कि यह हमारे परिवार, हमारे गांव और पूरे देश के लिए एक स्वर्णिम क्षण है।उनका स्वर्ण पदक देश के लिए एक खुशी का क्षण है। वहीं उन्होंने कहा कि युवाओं को अपनी माता-पिता का कहना मानना चाहिए और माता-पिता को भी समझना चाहिए कि उसके बेटे को जो जरूरत है, चाहे पढ़ाई का क्षेत्र हो या फिर खेल का, उसमें बच्चों का साथ दें। वहीं नीरज चोपड़ा के चाचा भीम चोपड़ा ने कहा कि पूरा देश खुशी मना रहा है।यह देश के लिए बहुत गर्व का क्षण है।