हरियाणा सरकार ने केंद्र द्वारा ‘‘कुछ विसंगतियों’’ को रेखांकित किए जाने के बाद सोमवार को हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधयेक-2020 वापस ले लिया।विधेयक में संगठित आपराधिक सिंडिकेट या गिरोह की आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए विशेष प्रावधान किए गए थे।
इससे पहले उक्त विधेयक के वर्ष 2019 संस्करण को भी कुछ प्रावधानों पर टिप्पणी किए जाने के बाद वापस ले लिया गया था।हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने विधानसभा में वर्ष 2020 के विधेयक को वापस लेने का प्रस्ताव पेश किया।गौरतलब है कि हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक-2020 को विधानसभा ने छह नवंबर 2020 को मंजूरी दे दी थी।
हालांकि, राज्यपाल ने संविधान के अनुच्छेद 201 के तहत इसे राष्ट्रपति के विचार के लिए भेज दिया था।विज ने पांच नवंबर 2020 को हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक-2019 को भी वापस लेने का प्रस्ताव पेश किया था जिसे चार अगस्त 2019 को पारित किया गया था।