BREAKING NEWS

सुपर संडे : निकहत ने दूसरा, लवलीना ने पहला विश्व चैम्पियनशिप स्वर्ण जीता◾राहुल को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जाना लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं : सुखबीर बादल◾उत्तर प्रदेश पुलिस साबरमती जेल से अतीक अहमद को लेकर प्रयागराज रवाना◾MP : महाकाल को जल चढ़ाने के लिए बुजुर्ग महिला ने किया हंगामा, अंतत: पूरी हुई इच्छा◾लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सांसदों की कार रैली को दिखाई हरी झंडी◾JP Nadda ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा - 'कांग्रेस का मतलब भ्रष्टाचार, दलाली, बंटवारा करने वाली, भाई-भतीजावाद एवं परिवारवादी पार्टी'◾अतीक अहमद को लेकर साबरमती जेल से निकली यूपी पुलिस, माफिया बोला - ये मेरी हत्या करना चाहते है◾'सत्याग्रह' नहीं 'दुराग्रह' : BJP का Congress पर हमला◾Ashok Gehlot ने कहा- 'तीसरी बार मुझे राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया गया, ओबीसी के लिए इससे बड़ा संदेश क्या होगा'◾Jodhpur Crime: सलमान खान को धमकी देने वाले आरोपी को मुंबई पुलिस ने किया गिरफ्तार◾CM योगी ने कांग्रेस पर साधा निशाना,असत्य के मार्ग पर चलने वाले सत्याग्रह नहीं कर सकते◾'मन की बात' में PM Modi ने नारी शक्ति को किया सलाम◾राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द पर बोले चिदंबरम कहा- मिलेंगा चुनाव में फायदा◾ पुतिन का बड़ा बयान, कहा- 'बेलारूस में परमाणु हथियार करेंगे तैनात' ◾CPI नेता ने BJP और RSS को हराने के लिए विपक्ष एकजुटता पर दिया जोर◾कांग्रेस ने किया बड़ा ऐलान, कर्नाटक में पार्टी की सरकार बनने पर मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण बहाल करेंगे◾खरगे ने BJP के OBC समुदाय के अपमान वाले बयान पर किया पलटवार, भगोड़ों की निंदा करने पर इतना दर्द क्यों◾ खालिस्तान को लेकर प्रदर्शनों पर भारत ने कनाडा के उच्चायुक्त को किया तलब, 'कही स्पष्टीकरण की बात'◾राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराने के बाद कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन ◾सरकार ने पान मसाला, तंबाकू पर अधिकतम GST सेस की सीमा तय की◾

हरियाणा : निजी क्षेत्र की नौकरी के मामले में SC ने HC के आदेश को किया खारिज, कहा-नहीं दिए पर्याप्त कारण

हरियाणा में निजी क्षेत्र की नौकरियों में वहां के निवासियों को 75 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया है। हरियाणा में निजी क्षेत्र की नौकरियों में वहां के मूल निवासियों को 75 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने के राज्य सरकार के फैसले पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी, जिसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा। हरियाणा हाईकोर्ट का कहना था कि प्रथम दृष्टतया यह कानून असंवैधानिक है। जस्टिस एल नागेश्वर राव की अगुवाई वाली पीठ ने हाईकोर्ट के फैसले को दरकिनार करते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने अपने आदेश के लिए पर्याप्त कारण नहीं दिए हैं। पीठ ने हाई कोर्ट की एक प्रक्ति के आदेश पर भी सवाल उठाए और कहा कि क्या एक पंक्ति में सभी पहलू आ सकते हैं।

हाई कोर्ट चार हफ्ते में निपटाए मामला : सुप्रीम कोर्ट 

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि इस मामले में हरियाणा सरकार द्वारा कर्मचारियों के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही कहा कि हाईकोर्ट को इस मामले को जल्द ही निपटाना चाहिए और इसमें चार सप्ताह से अधिक समय नहीं लगना चाहिए। हरियाणा सरकार की ओर से मामले की पैरवी कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए मात्र 90 सेकंड दिए जो प्राकृतिक कानून के सिद्धांतों के खिलाफ है। याचिकाकर्ता के वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि हरियाणा में 49 हजार से अधिक कंपनियां पंजीकृत हैं। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र में कोई आरक्षण नहीं होता है और ऐसे कानून को पारित करने का अधिकार सिर्फ संसद को है। उन्होंने दलील दी कि ऐसे आरक्षण को दिये जाने का कोई अध्ययन या आंकड़ा मौजूद नहीं है।

हाईकोर्ट के फैसले को खारिज न करने का किया आग्रह 

मनेसर इंडस्ट्रियल वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से मामले की पैरवी कर रहे वकील श्याम दीवान ने हाईकोर्ट के फैसले को खारिज न करने का आग्रह किया। हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी स्पेशल लीव याचिका में कहा था कि हाईकोर्ट द्वारा पारित अंतरिम आदेश भावेश डी पारिश और भारत सरकार (2000), के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश और प्राकृतिक कानून के सिद्धांत के खिलाफ है। याचिका में कहा गया था कि हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए जो समय दिया, वह महज औपचारिकता थी। हाईकोर्ट पूर्वनिर्धारित फैसले के साथ सुनवाई कर रहा था और जैसे ही सुनवाई शुरू हुई, तो उसने कहा कि आरक्षण के इस कानून पर रोक लगायी जानी चाहिए और इस तरह उसने हरियाणा सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वकीलों की कोई भी मौका नहीं दिया।