Haryana के अंबाला में एक महिला को सरकारी अस्पताल में प्रवेश नहीं मिलने पर उसने अस्पताल परिसर के बाहर ही अपने बच्चे को जन्म दिया।
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अस्पतालकर्मियों ने महिला को प्रसूति वार्ड में भर्ती करने का उसके पति का अनुरोध कथित तौर पर नजरअंदाज कर दिया था। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सोमवार रात की इस घटना के बाद जांच के आदेश दिए हैं। अंबाला के सिविल सर्जन कुलदीप सिंह द्वारा गठित दो-सदस्यीय टीम को दो दिनों के भीतर जांच पूरी करने के लिए कहा गया है। तीस-वर्षीया सुमन गर्भावस्था के दौरान जांच के लिए उसी अस्पताल में जाया करती थी।
सोमवार की रात सुमन के पति शालू कुमार ने एम्बुलेंस न मिलने पर मोटरसाइकिल के साथ सब्जी का एक ठेला (कार्ट) जोड़ा और उससे गर्भवती पत्नी को अस्पताल पहुंचाया। ठेला बाहर लगाकर वह अपनी पत्नी के प्रसव के लिए सहायता मांगने वार्ड में गया। महिला के पति का आरोप है कि उसने अस्पताल के कर्मचारियों से अपनी पत्नी को प्रसूति वार्ड में भर्ती करने का अनुरोध किया, लेकिन बार-बार मदद के अनुरोध के बाद भी अस्पताल कर्मियो ने ध्यान नहीं दिया। पति ने कहा कि उसकी पत्नी ने किसी कर्मचारी की अनुपस्थिति में अस्पताल परिसर में ठेले पर एक बेटे को जन्म दिया।
घटना की जानकारी होने पर प्रसूति वार्ड के डॉक्टर ने मां और बच्चे को वार्ड में भर्ती कर लिया, जहां उन्हें आवश्यक चिकित्सा सहायता दी गई। महिला के पति ने बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री से उनके अंबाला छावनी स्थित आवास पर मुलाकात की और उन्हें घटना की जानकारी दी। इस बीच, विज ने कहा कि जांच समिति को दो दिन के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है। उन्होंने कहा, ''घटना से संबंधित सभी तथ्यों की जांच की जाएगी और यदि कोई विसंगति पाई जाती है, तो कार्रवाई की जाएगी।'' संपर्क करने पर एक डॉक्टर ने कहा कि महिला और बच्चा अब सिविल अस्पताल में भर्ती हैं और दोनों बिल्कुल ठीक हैं।
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