करनाल : मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने करनाल जिले के 13 तीर्थ स्थलों का एकसाथ दौरा कर इनमें कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड के माध्यम से लगभग 18.39 करोड़ रुपये विकास कार्यों की घोषणा की। करनाल जिले के 13 तीर्थ स्थलों में मुख्यमंत्री आज विमलसर तीर्थ सग्गा से अपने दौरे की शुरूआत की और लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज उनके जीवन का एक एतिहासिक दिन है। धर्मनगरी कुरूक्षेत्र की 48 कोस की परिक्रमा में पड़ने वाले तीर्थ स्थलों के विकास एवं पुर्नोत्थान में आज उस समय एक नया अध्याय जुड़ गया जब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 5 जिलों नामत: कुरूक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत व जींद जिलों के महाभारत, रामायण व वामन पुराण में वर्णित 134 तीर्थ स्थलों के प्राचीन, धार्मिक व सांस्कृतिक महत्व के दृष्टिगत इनके जीर्णोद्धार की घोषणा की।
महाभारतकाल से जुड़े तीर्थ स्थलों का व्यक्तिगत दौरा करने का उनको सौभाग्य मिला है। उन्होंने कहा कि जो समाज अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोए रखता है वह युवा पीढ़ी को अच्छे नैतिक संस्कार देता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा का इतिहास गौरवमयी इतिहास है, विशेषकर धर्मक्षेत्र-कुरूक्षेत्र जहां महाभारत के समय भगवान श्रीकृष्ण ने युद्ध के समय कर्म के सिद्धांत का संदेश दिया था जो आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 से हरियाणा सरकार ने गीता महोत्सव को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाई है। पिछले वर्ष 20 से अधिक देशों के अलावा भारत के कोने-कोने से आए लगभग 24 लाख लोगों ने गीता महोत्सव के द्वारा ब्रह्मसरोवर का दौरा किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुरूक्षेत्र जिले में पडऩे वाले 14 तीर्थ स्थलों के जीर्णोद्धार की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। आज करनाल के तीर्थ स्थलों की घोषणा हुई है और शीघ्र ही पानीपत, कैथल व जींद जिलों में पडऩे वाले तीर्थ स्थलों का भी जीर्णोद्धार की घोषणा की जाएगी जिसके लिए शीघ्र ही वे इसी प्रकार का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि कुरूक्षेत्र जिले में इन तीर्थ स्थलों का भ्रमण करवाने के लिए श्रद्धालुओं के लिए 2 बसें चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि कुरूक्षेत्र व जींद के बीच दो विशेष बसें चलाई जाएंगी जो दो दिन तीर्थ यात्रियों को 48 कोस की परिधि में पडऩे वाले पांचों जिलों के तीर्थ स्थलों का दौरा करवाएंगे जिसकी शुरूआत आज कुरूक्षेत्र से की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी तीर्थ स्थलों में महिमा पट्ट, शौचालय, महिलाओं के लिए अलग से घाट, सीढिय़ों का भक्तजनों की सुविधा के अनुसार निर्माण, सरोवरों में जल निकासी का प्रावधान के साथ-साथ चारदीवारी, पार्किंग व्यवस्था तथा हाईमास्क लाईटें लगवाई जाएंगी।