जींद : 38 गांवों के सहयोग से चंदा जमाकर सभी में पुस्तकालय का उद्घाटन करते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि वर्ष 2011 में जो लोकपाल पारित हुआ है उसके हरियाणा की जनता का योगदान बहुत बड़ा है। दिल्ली के रामलीला ग्रांऊड में सबसे ज्यादा भागेदरी हरियाणा के लोगों की थी। देश को बदलना है तो पहले गांवों को बदलना होगा। समाज एवं शिक्षा के उत्थान के लिए शिक्षित होना बहुत आवश्यक है। सामाजिक बुराईयों के खिलाफ या अच्छे कामों के लिए आंदोलन कर दो जनता अपने आप पीछे-पीछे आ जाएगी।
मंगलवार को जुलाना के गांव बुढ़ाखेड़ा में 38 गांवों में खोले गए पुस्तकालयों का उद्घाटन में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे अन्ना हजारे के स्वागत में स्कूली बच्चों और ग्रामीणों ने फुल मालाओं से स्वागत किया और ग्रामीण महिलाओं ने लोकगीत गाकर नाचते हुए कार्यक्रम को चार चांद लगाने का काम किया। कार्यक्रम में ग्रामीणों को संबोधित करते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि अगर देश को बदलना है तो पहले गांवों को बदलना पड़ेगा। पूरे देश में खेलों के नाम से प्रसिद्ध हरियाणा प्रदेश में नशा पैर पसार रहा है।
नशे को खत्म करने के लिए युवाओं को जागृत होना पड़ेगा। इंसान खाली हाथ आता है और खाली हाथ जाता है। उसका परम कर्त्तव्य बनता है कि वो देश और समाज के लिए कुछ करे। अन्ना हजारे ने कहा कि अध्यात्म के बिना भौतिक विकास नहीं हो सकता। गांव एक मंदिर है और वो एक मंदिर मेेें रहते हैं। वो एक प्लेट और एक बिस्तर रखते हैं। माला भी पहनते हैं लेकिन जाप नही करते लेकिन लोग उनकी माला को देख कर शराब नही पीते फिर भी लोग उन पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हैं। गांव बुढ़ा खेड़ा लाठर ने जो अनोखी पहल चलाई है इससे पूरे देश में एक अच्छा संदेश जाएगा और पूरे देश के युवा समाज सेवा के लिए आगे आएंगे।
उनके गांव रालेगांव सिद्धी में कुछ साल पहले 40 शराब की भठ्यिां होती थी लेकिन आज लोग इतने जागरूक हो रहे हैं कि गांव में एक भी बीड़ी की दुकान या शराब की दुकान नही है। नशे से शरीर और परिवार की बर्बादी होती है। सभी को देश से नशे को उखाडऩे के लिए एकजुट होना होगा। इस अवसर पर पूर्व जस्टिस प्रीतम पाल, कर्मवीर सामाजिक कार्यकर्ता, एडिशनल जज जसबीर कुंडू सहित काफी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद रहे।