हिसार : साध्वी यौन शोषण मामले में पंचकूला की सीबीआई अदालत में दोषी करार डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ङ्क्षसह की मुश्किलें अभी यहीं खत्म नहीं होंगी। उसके खिलाफ डेरा के लगभग 400 डेरा अनुयायियों को नपुंसक बनाने के मामले में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में आगामी 25 अक्तूबर को सुनवाई होगी।
याचिकाकर्ता फतेहाबाद निवासी हंसराज चौहान ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह मामला उन्होंने सात जुलाई 2012 को उच्च न्यायालय में दायर की थी। वह अब तक डेरा द्वारा नपुंसक बनाये गये 166 अनुयायियों की सूची भी अदालत को सौंप चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि डेरा प्रमुख के आदेश पर ही डेरे के डाक्टरों ने इन लोगों को नपुंसक बनाया था।
श्री चौहान ने कहा कि वह अब उच्च न्यायालय में 25 अक्तूबर को गुहार लगाएंगे कि इस मामले की फास्ट ट्रैक अदालत में नियमित सुनवाई की जाए ताकि पीडि़तों को जल्द इंसाफ मिल सके। उल्लेखनीय है कि डेरा प्रमुख के खिलाफ सिरसा के पत्रकार रामचंद, छत्रपति तथा डेरा प्रबंधक रणजीत ङ्क्षसह की हत्याओं तथा डेरा अनुयायियों को नपुंसक बनाने के मामले भी चल रहे हैं तथा इनमें भी सुनवाई अब अंतिम चरण में है। रामचंद्र छत्रपति ने ही साध्वी प्रकरण की शिकायतकर्ता के उस पत्र को अपने अखबार ‘पूरा सच्च’ में छापा था जो उसने वर्ष 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय तथा अन्य शीर्ष संस्थाओं को लिखकर डेरा में हो रहे अनैतिक कृत्यों की पोल खोलने का प्रयास किया था।
साध्वी यौन शोषण मामले में डेरा प्रमुख को दोषी करार दिए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया में श्री चौहान ने कहा कि उन्हें इससे बेहद प्रसन्नता हुई है। डेरा प्रमुख ने आस्था के नाम पर अपनी अनैतिक करतूतों से आतंक मचाया हुआ था। वह डेरा और धार्मिक आस्था की आड़ में समानांतर सरकार चला रहा था।
उन्होंने बताया कि हत्याओं से लेकर साध्वियों के यौन शोषण और अनुयायियों को नपुंसक बनाने जैसे अत्याचारों के अलावा भी बाबा की करतूतों की लम्बी फेहरिस्त है। अगर डेरे और उसके आश्रमों की पुलिस और प्रशासन सही तरीके से जांच करे तो कई प्रकार के गलत कामों का पर्दाफाश हो सकता है। इस बीच साध्वी यौन शोषण मामले में अदालत का फैसला आने के बाद प्रशासन ने श्री चौहान के घर की सुरक्षा कड़ी कर दी है।