चंडीगढ़ : एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के अध्यक्ष मोतीलाल वोरा की याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने ईडी द्वारा दर्ज केस रद्द करने की अपील पर केंद्र सरकार को पक्ष रखने के आदेश दिए हैं। यह याचिका वोरा ने ईडी की तरफ से उनके खिलाफ दर्ज केस को खारिज कराने के लिए दायर की है। वोरा का कहना है कि ईडी ने उनके खिलाफ राजनीतिक कारणों से केस दर्ज किया है।
मामला एसोसिएट जर्नल्स को हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के दौरान पंचकूला में प्लॉट आवंटित किए जाने से जुड़ा है। आरोप है कि एजेएल को नियमों के विपरीत के प्लॉट दिया गया। हरियाणा राज्य सतर्कता ब्यूरो ने इस पर प्राथमिकी दर्ज की थी। इस प्राथमिकी पर संज्ञान लेते हुए वोरा के खिलाफ ईडी ने भी केस दर्ज कर जांच शुरू की।
वोरा ने हाई कोर्ट में ईडी की तरफ से की जा रही जांच को चुनौती दी तो ईडी ने अपना जवाब दाखिल किया। ईडी ने कहा था कि एजेएल को प्लॉट आवंटन में की गई अनियमितताओं के कारण सरकार को वित्तीय नुकसान हुआ है।
ईडी इस मामले में हुड्डा से पूछताछ कर चुकी है
हरियाणा राज्य सतर्कता ब्यूरो ने प्राथमिकी दर्ज की है। इसे देखते हुए ईडी ने पीएमएलए एक्ट 2002 के तहत केस दर्ज किया है। ईडी इस मामले में वोरा और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से पूछताछ भी कर चुकी है। 1982 में प्राधिकरण एजेएल को प्लॉट आवंटित किया था। दस साल तक निर्माण नहीं हुआ तो आवंटन रद कर दिया गया।
आवंटन रद करने के खिलाफ एजेएल ने प्राधिकरण में अपील की, जो खारिज हो गई। फिर हरियाणा के वित्तीय आयुक्त के यहां अपील की गई। वहां से भी खारिज हो गई।
2005 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री बने तो वोरा ने उन्हें प्लॉट के आवंटन के लिए पत्र लिखा और उसके बाद एजेएल को प्लॉट आवंटित हो गया। मनोहर लाल के सीएम बनने पर राज्य सतर्कता ब्यूरो ने आवंटन में कथित अनियमितताओं को लेकर एफआइआर दर्ज की थी।