जून में ट्रेन के अंदर हुई 17 वर्षीय जुनैद खान की हत्या के मामले में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर आज रोक लगा दी।उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने जुनैद के परिवार की अर्जी पर हरियाणा सरकार और सीबीआई को नोटिस जारी किया है। अर्जी में इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की गयी है।
जुनैद के पिता जलालुद्दीन के वकील अर्शदीप सिंह चीमा ने कहा, उच्च न्यायालय ने फरीदाबाद की एक अदालत में चल रही सुनवाई पर आज स्थगन लगा दिया। न्यायमूर्ति महेश ग्रोवर और न्यायमूर्ति राजशेखर अत्री की पीठ के समीक्ष जुनैद खान की हत्या की सीबीआई जांच की मांग की अर्जी आयी थी।
जुनैद के पिता ने एकल पीठ के 27 नवंबर के फैसले को पिछले हफ्ते चुनौती दी थी। एकल पीठ ने जुनैद पर कथित रुप से धारदार हथियार से हमला किया गया हत्या की सीबीआई जांच की मांग खारिज कर दी थी। अपनी अपील में जलालुद्दीन ने कहा था कि इस अपराध की असली प्रकृति छिपा दी गयी है।
हमला करने वाली भीड़ में शामिल नामजद आरोपियों एवं अन्य के आचरण को छिपा दिया गया।इसे ऐसे पेश किया गया कि वह घटना बिना किसी साजिश के हुई। चीमा ने बताया कि मामले की अगली सुनवाई 11 जनवरी को हेगी। जलालुद्दीन ने अपने वकील के माध्यम से 26 अक्तूबर को अर्जी दायर कर इस मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जैसी किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की थी। उन्होंने फरीदाबाद की निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर स्थगन की भी मांग की थी।
जुनैद जून में ईद के लिए दिल्ली में खरीददारी करने के बाद मथुरा जाने वाली ट्रेन से अपने भाइयों के साथ जब अपने गांव खंडावली लौट रहा था तब ट्रेन में धारदार हथियार से हमला कर उसकी हत्या कर दी गयी थी। उसका शव फरीदाबाद जिले में असावटी गांव के समीप फेंक दिया गया था।
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