चंडीगढ़ : होंडा कंपनी के नौकरी से निकाले गये कर्मचारियों का एक प्रतिनिधिमंडल सीडब्ल्यूसी सदस्य दीपेन्द्र हुड्डा से मिला और उनसे दोबारा नौकरी पर लगवाने के लिये दबाव बनाने का अनुरोध किया। होंडा मानेसर प्लांट के बर्खास्त कर्मचारियों ने दीपेन्द्र हुड्डा को अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि पिछले एक महीने में करीब ढाई हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है। जिसके विरोध में निकाले गये कर्मचारी कंपनी के बाहर धरने पर बैठे हैं।
इतना ही नहीं, भय का माहौल बनाने के लिये कंपनी ने कई स्थायी कर्मचारियों को भी निलंबित कर दिया है। इस पर दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि भाजपा ने हर घर में रोजगार देने का वायदा करके वोट बटोरा। लेकिन, होंडा-मारुति जैसी कंपनियों में पहले से काम कर रहे लोगों की नौकरियां भी छिन रही हैं। खट्टर-2 सरकार बनने के बाद से निजी और सरकारी क्षेत्रों में, 1775 होमगार्डों तक, लगातार पूरी तरह से छंटनी का काम चल रहा है।
दीपेंद्र हुड्डा ने उन्हें भरोसा दिया कि वो सड़क से लेकर हर स्तर पर उनकी आवाज उठायेंगे और दोबारा नौकरी दिलवाने के लिये हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि देश की जनता अब समझ गयी है कि नोटबंदी और जीएसटी के खतरनाक नतीजे आने शुरु हो गये हैं।
विडंबना ये है कि पूरे देश के आम आदमी का धन चंद लोगों की जेब में जा रहा है और उसका जीता जागता उदाहरण ये है कि देश का आम व्यापारी और उद्यमी अपने व्यापार में जबरदस्त घाटे का सामना कर रहा है। वहीं दूसरी ओर मुकेश अंबानी की रिलायंस कंपनी पिछले 3 वर्षों में 4 लाख करोड़ से बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपये की हो गयी है। उन्होंने चिंता जाहिर करी कि सरकार अगर यूं ही गलत नीतियों पर चलती रही तो आर्थिक संकट विकराल रूप धारण कर लेगा।