चंडीगढ़ : हरियाणा में मानेसर लैंड स्कैम और एजेएल मामले में गुरुवार को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट में मानेसर लैंड स्कैम से जुड़े आरोपो पर बहस होगी। अब एजेएल मामला भी इसी केस के साथ चल रहा है तो पिछली सुनवाई पर सीबीआई ने ने एजेएल मामले में जुड़े दस्तावेज बचाव पक्ष को दिए थे।
ये था मानेसर लैंड स्कैम मामला
27 अगस्त 2004 में इनेलो सरकार ने गुड़गांव के मानेसर, लखनौला और नौरंगपुर की 912 एकड़ जमीन आईएमटी बनाने के लिए सेक्शन-4 का नोटिस जारी किया। इसके बाद कांग्रेस सत्ता में आई। तत्कालीन सीएम हुड्डा ने आईएमटी रद्द कर 25 अगस्त 2005 में सार्वजनिक कामों के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए सेक्शन-6 का नोटिस जारी कराया। मुआवजा 25 लाख रु. एकड़ तय हुआ। अवॉर्ड के लिए सेक्शन-9 का नोटिस भी जारी हुआ, पर इससे पहले बिल्डर्स ने किसानों को अधिग्रहण का डर दिखा 400 एकड़ जमीन औने-पौने दाम पर खरीद ली। 2007 में बिल्डर्स की 400 एकड़ जमीन अधिग्रहण से मुक्त कर दी गई। इससे किसानों को करीब 1500 करोड़ का नुकसान हुआ।
अध्यक्ष के नाते लपेटे में आए हुड्डा
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) की शिकायत पर राज्य सतर्कता विभाग ने मई 2016 को इस मामले में केस दर्ज किया। चूंकि मुख्यमंत्री हुडा के पदेन अध्यक्ष होते हैं और यह गड़बड़ी भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में हुई, इसलिए उनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। सतर्कता ब्यूरो ने 5 मई 2016 को भादसं की धारा 409, 420 और 120बी के तहत केस दर्ज किया था। 5 अप्रैल 2017 को राज्य सरकार ने मामला सीबीआई को सौंप दिया। सीबीआई ने हुड्डा के खिलाफ 120बी, 420 एवं सेक्शन 13 (2) आर/डब्ल्यू 13 (1) डी के तहत चार्जशीट दाखिल की।
हुड्डा पर आरोप है कि उनकी सरकार के दौरान नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली कंपनी एसोसिएट्स जनरल लिमिटेड (एजेएल) को सन् 2005 में नियमों के विपरीत भूखंड आवंटित किया गया। इससे सरकार को 67.65 लाख रुपये का नुकसान हुआ। बता दें, प्लॉट आवंटन मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो की विशेष अदालत में दिसंबर 2018 में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, एजेएल के तत्कालीन चेयरमैन कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और एजेएल के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी। अब इनके खिलाफ विशेष सीबीआइ कोर्ट में ट्रायल चलेगा।