चंडीगढ़ : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी विधायक द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर के विरूद्ध शिकायत दिए जाने के बाद अब हुड्डा ने अपने बेहद करीबी नेताओं अथवा अपनी कोर कमेटी की बैठक बुला ली है। हुड्डा गुट द्वारा पिछले पांच साल से अशोक तंवर को अध्यक्ष पद से हटवाने के लिए हाईकमान पर दबाव बनाया जा रहा है, लेकिन हाईकमान ने अभी तक हुड्डा के दावों को गंभीरता से नहीं लिया है।
अशोक तंवर के अध्यक्षता में कांग्रेस पार्टी सभी चुनाव हारी है। हुड्डा व तंवर की आपसी खींचतान के चलते आजतक हरियाणा में कांग्रेस का ब्लाक व जिला स्तर के संगठन का गठन नहीं हो सका है। लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस प्रभारी गुलाम नबी आजाद द्वारा बुलाई गई बैठक में भी हरियाणा के कांग्रेसियों में इस कद्र जूतम-पैजार हुआ कि आजाद बैठक को बीच में ही छोडक़र चले गए।
कांग्रेस की अंदरूनी कलह में तेजी से बदल रहे घटनाक्रम के बीच हुड्डा के बेहद करीबी विधायक जयतीर्थ दहिया द्वारा अशोक तंवर के विरूद्ध शिकायत दिए जाने के बाद अब हुड्डा ने अपने गुट के विधायकों तथा करीबी नेताओं की बैठक बुला ली है। नौ जून को दिल्ली में होने वाली इस बैठक को तंवर के विरूद्ध चल रही लॉबिंग के बीच काफी अहम माना जा रहा है। बैठक में हुड्डा समर्थक तंवर को हटाने के लिए कांग्रेस हाईकमान पर दबाव बना सकते हैं। हुड्डा समर्थक विधायक जहां मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर को हटाने के लिए हाईकमान पर दबाव बना रहे, वहीं तंवर खुद इस्तीफा देने को तैयार नहीं हैं।
कांग्रेस दिग्गजों के बीच यह रस्काकसी पिछले कई सालों से चली आ रही है। लोकसभा चुनाव में मिली कड़ी शिकस्त के बाद पार्टी नेताओं की यह लड़ाई काफी तेज हो गई है। कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी को भी निशाने पर लिया जा रहा है। कांग्रेसियों की लड़ाई इस हद तक पहुंच गई कि अब पार्टी नेता एक दूसरे पर गाली-गलौच करने तथा गोली मार देने की बात कहने की स्थिति में आ गए हैं। माना जा रहा है कि इस बैठक के माध्यम से हुड्डा समर्थक हाईकमान को दो टूक संदेश देंगे कि यदि तंवर को नहीं हटाया गया तो वह कोई बड़ा फैसला लेने से भी गुरेज नहीं कर सकते।
(आहूजा, राजेश जैन)