सिरसा : हरियाणा में विपक्षी पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल(इनेलो) अप्रत्याशित रूप में राज्य की भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के आज बचाव में आ गई और उसने राज्य को कर्ज के बोझ तले दबाने के लिये पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद सिंह हुड्डा को ही जिम्मेदार ठहरा डाला। राज्य विधानसभा में विपक्ष तथा इनेलो के वरिष्ठ नेता अभय सिंह चौटाला ने यहां अपने आवास पर एक पत्रकार वार्ता में श्री हुड्डा को ही राज्य को कर्ज के बोझ तले दबाने का जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अब यह सवाल उठा रहे हैं कि राज्य पर कर्ज का बोझ बढ़ कर 1.60 लाख करोड़ रूपये कैसे हो गया और इसके लिये राज्य सरकार से जबाव मांग रहे हैं। उन्होंने आंकड़ का हवाला देते हुए कहा कि हरियाणा गठन के 1966 से 2005 तक हरियाणा पर 23 हजार करोड़ रूपये का कर्ज था। लेकिन श्री हुड्डा के मुख्यमंत्री बनने के बाद राज्य कर्ज बढ़ कर 70 हजार करोड़ रूपये हो गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री ने कर्ज लेकर राज्य का विकास नहीं कराया बल्कि अपने चेहतों की जेबें भरने का ही काम किया।
उन्होंने श्री हुड्डा पर कटाक्ष करते हुये कहा कि वह न तो कांग्रेस विधायक दल के नेता और न ही पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष हैं तो वह कैसे यह बयान दे रहे हैं कि उनकी सरकार बनने पर राज्य में बुजुर्गों का न्यूनतम पेंशन तीन हजार रूपये कर दी जाएगी। विपक्ष के नेता ने राज्य सरकार की खेल नीति पर भी सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि यह प्रदेश के खिलाड़यिं को प्रोत्साहित करने के बजाय हतोत्साहित करने में लगी हुई है।
उन्होंने कहा कि राज्य में इनेलो-बसपा गठबंधन की सरकार बनने पर खिलाड़यिं की ईनाम की राशि दुगुनी कर दी जाएगी। श्री चौटाला ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर तीखे आरोप लगाते हुए कहा है कि हरियाणा में किसी अधिकारी के रिटायर होने के बाद उस पोस्ट पर नई भर्ती करने के बजाय सरकार उसी अधिकारी को अनुबंध पर रख लेती है। उन्होंने कहा कि ऐसी ही नीति राज्य सरकार के लिये भी बननी चाहिये। क्योंकि जब सारा काम ही अनुबंध पर कराना है तो मुख्यमंत्री भी अनुबंध पर काम करें तथा अगर उनका काम ठीक नहीं है तो उन्हें हटाकर किसी और को मुख्यमंत्री बना दिया जाना चाहिए।
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