अगर आंदोलनकारी किसानों को लगता है कि उनके नेता वार्ता करने में सक्षम नहीं हैं नेता तो उन्हें बदलें:अनिल विज

केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन को एक साल पूरे होने वाले हैं। ऐसे में हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने किसानों को नसीहत दी है
अगर आंदोलनकारी किसानों को लगता है कि उनके नेता वार्ता करने में सक्षम नहीं हैं नेता तो उन्हें बदलें:अनिल विज
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केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन को एक साल पूरे होने वाले हैं। ऐसे में हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने किसानों को नसीहत दी है कि उन्हें अपने नेताओं से पूछना चाहिए कि वो जिन मुद्दों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं उसमें कितनी प्रगति हुई है। आपको बता दें कि 26 नवंबर को किसान आंदोलन का एक साल पूरा हो जाएगा। ऐसे में एक बार फिर आंदोलन को गति देने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने रणनीतियां तैयार की हैं। जिसके तहत शीतकालीन सत्र के दौरान फिर से केंद्र की मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की जाएगी। 
आंदोलन में कितनी हुई प्रगति ?
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि किसान आंदोलन को 1 साल हो गए हैं अब किसानों को अपने नेताओं से पूछना चाहिए कि जिस मुद्दों को लेकर आप आंदोलन कर रहे हैं उसमें कितनी प्रगति हुई। अगर उनको लगता है कि उनके नेता वार्ता करने में सक्षम नहीं है तो उन्हें नए नेता चुनना चाहिए, जो वार्ताकर समाधान निकाले। 
क्या है किसानों की मांग ?
गौरतलब है कि किसानों संगठनों की मांग है कि मोदी सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस लें और इसके साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कानून बनाया जाए। लेकिन केंद्र ने तो पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वो कृषि कानूनों को वापस नहीं लेने वाली है। हालांकि बातचीत के जरिए कानूनों में जरूरी प्रावधान जरूर हो सकता है। ऐसे में दोनों पक्षों के बीच कई दौर की वार्ता भी हुई लेकिन वो विफल साबित हुई। जिसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि 29 नवंबर से रोजाना 500 किसान संसद तक शांतिपूर्ण तरीके से ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने बैठक कर इसकी पूरी योजना तैयार की है

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