समालखा : करनाल लोकसभा से सांसद अश्विनी कुमार चोपड़ा की धर्मपत्नी एवं वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब की चेयरपर्सन किरण शर्मा चोपड़ा ने भारत माता की जयघोष के साथ कहा कि पहले तो मैं देरी से आने के लिए माफी मांगती हूं। क्योंकि पहले मैं सांसद की धर्मपत्नी भी हूं, मां भी हूं, दादी भी हूं और सास भी हूं और समाजसेविका भी हूं। क्योंकि घर के कार्यों के साथ-साथ समाजसेवा करती हूं। मुझे आपके बीच पहुंचकर बहुत अच्छा लगा। उन्होंने कहा कि हम मनुष्य जन्म में आए हैं। सबसे पहले देश के लिए सेवा होती है।
उन्होंने अपने हाथ से लिखी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के प्रति जागरूक करने वाली पुस्तक बेटियां को बांटी। उसके बाद मां-बाप की सेवा होती है फिर समाज के लिए सेवा होती है। उन्होंने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं। आज हमारे देश का नाम दूसरे देश से बहुत ज्यादा है। क्योंकि हमारे देश का चौकीदार नरेन्द्र मोदी है। किवाना गांव में आकर उन्हें बड़ी खुशी महसूस हुई।
यहां सब अच्छे लोग हैं। डाक्टर, फौजी, अध्यापक सभी सेवादार हैं। क्योंकि जो सेवा करते हैं वो देश को मजबूत बनाने का कार्य करते हैं। किरण शर्मा चोपड़ा कार्यक्रम के बाद भाजपा नेता कृष्ण छौक्कर के यहां जलपान करने गए और उसके बाद समाजसेवी भीम जैन के निवास पर भी कुछ देर रूके।
इसके बाद चुलकाना धाम में खाटू श्याम मंदिर में माथा टेकने गए। इस मौके पर राजेश झट्टीपुर, गुलाब छौक्कर, बिजेन्द्र छौक्कर, कुलदीप रोहिल्ला, हरिओम, कुलबीर खर्ब, भुनेश छोक्कर, धर्मपाल, सुनील शर्मा, सीमा वर्मा, विनय जैन, बबली समेत हजारों लोग मौजूद थे।
सांसद अश्विनी कुमार चोपड़ा गाय का दूध पीकर स्वास्थ्य हुए है
उन्होंने गौ माता के बारे में बताया कि जब अश्विनी कुमार चोपड़ा जी पैदा हुए थे तो उनके मुंह में छाले थे। तो डॉक्टर ने कहा था कि ये जिंदा नहीं रहेंगे। क्योंकि ये अपनी मां का दूध नहीं पी सकते थे। तो डॉक्टर ने बताया कि इनके लिए गौमाता का दूध ही पिलाकर रक्षा की जा सकती है। तो इन्हें रूई से उनके मुंह में गौ माता का दूध पिलाया।
तब जाकर इनकी जान बची। गौमाता की जितनी भी सेवा की जाए वो कम है। उन्होंने बताया कि अभी कुछ दिन पहले अश्विनी कुमार जी दांत निकलवाने के लिए डॉक्टर के पास गए थे तो डॉक्टर ने दांत में कैंसर बताया और गौमाता का गौमूत्र उन्हें पिलाया गया और नहलाया गया। तब जाकर ये स्वस्थ हुए।
सांसद के सहयोग से बड़ी बनी इसराना की गौशाला
हमारी भारत की संस्कृति रीढ की हड्डी है। गौमाता के मूत्र से दवाईयां बनती हैं। इसराना में अश्विनी कुमार चोपड़ा के सहयोग से सबसे बड़ी गौशाला बनी है। हम सब लोगों को एक गौमाता का चारा लालनपालन जरूर करना चाहिए। एक गऊ को एक आदमी को गोद जरूर लेना चाहिए। गौमाता का एक आट्टे का पेड़ा रोज खिलाना चाहिए। क्योंकि जब भी संकट आता है तो गौमाता को आट्टे का एक पेड़ा खिलाया जाता है। उन्होंने कहा कि मैं शहीदों के लिए, उनके परिवार के लिए काम करती हूं।
मेरे पास कोई भी आता है तो मैं कहती हूं कि जो बोओगे वो काटोगे। जैसा करोगे वैसा भरोगे। अगर तुम अपने मां-बाप के साथ गलत करते हो तो कल के साथ तुम्हारे साथ भी ऐसा होगा। जो दूसरों के लिए जीते हैं। जैसे धूप-छांव चलती है ऐसे ही दुख-सुख चलते हैं। अपने लिए तो सभी जीते हैं लेकिन जो दूसरों लिए जीए उसे अच्छा इन्सान कहते हैं। बुरे कार्य करने वाले को हैवान कहते हैं।
– सुरेश निरंकारी