धारुहेडा : शहर के युवा गलत प्रवृत्तियों की ओर अग्रसर हो रहे है। वर्तमान मे शहर मे अवैध शराब बेचने का धंधा जोरों पर है। यहीं नही सटटा बाजार के सटोरिये भी शहर मे सक्रिय है जिस कारण लोगो का जीना दूभर हो गया है। लेकिन पूरे शहर को पता होने के बावजूद पुलिस प्रशासन अंजान बना हुआ है। हालात तो यहां तक बिगड गए है कि शहर मे सरेआम अवैध शराब परोसी जा रही है और धडल्ले से सटटा लगाया जाता है जिसे लेकर कोई कार्यवाही नही की जाती। लगातार युवा इस लत के कारण बर्बाद हो रहे है और नशे की ओर अग्रसर होकर अपना जीवन समाप्त कर रहे है।
औद्योगिक क्षेत्र के रूप मे विश्व के मानचित्र पर अपना नाम दर्ज करा चुका शहर धारूहेडा आज सटटेबाजी के लिए काफी प्रसिद्ध होता जा रहा है। शहर मे सटटेबाजी का खेल लगातार फलफूल रहा है और हजारों युवाओं की जिंदगी को बर्बाद कर रहा है। दिन निकलते ही सटटे के नम्बरों का खेल शुरू हो जाता है और रात होने के बाद तक यह खेल जारी रहता है। सटटे के नम्बरों की भाषा मे उलट पलट का यह खेल निरंतर जारी है।
हैरानी की बात तो यह है कि सटटेबाजी का यह खेल पुलिस व स्थानीय प्रशासन की जानकारी मे हो रहा है लेकिन कोई भी इनपर हाथ डालने का प्रयास नही करता। पिछले कई सालों से लगातार बढ रहा यह खेल अब अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुका है। जैसे जैसे दिन निकलना शुरू होता है वैसे ही सटटे का खेल शुरू हो जाता है। सुबह सुबह ही अनेक युवाओं की जुबान पर उलट पलट का नाम रहता है। नंबरों के इस खेल मे शहर के लोग सुबह से ही जुट जाते है और देर रात तक नंबरो मे ही लगे रहते है।
जानकार सूत्रों की माने तो शहर मे धडल्ले से चल रहा सटटे का यह कारोबार रोजाना लाखों रूपयों को पार कर जाता है और इतना सब कुछ पुलिस प्रशासन की मिलीभगत के बिना संभव प्रतीत नही होता है। लोगो का कहना है कि सटटेबाजी की यह लत शहर के युवाओं मे इस कदर घर कर चुकी है कि उसे काबू करना कठिन हो गया है और इतना सब कुछ पुलिस प्रशासन की मिलीभगत के बिना संभव प्रतीत नही होता है।
-जैतोई