गुरुग्राम : हरियाणा भाजपा की दो दिवसीय समीक्षा बैठक गुरुग्राम में शुक्रवार को शुरू हो गई। बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पार्टी प्रभारी, हरियाणा भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला सहित 40 विधायकों व हारे हुए सभी प्रत्याशियों ने भाग लिया। बैठक के बाद हरियाणा भाजपा प्रभारी ने कहा कि पार्टी द्वारा निकाली गई जन आशीर्वाद यात्रा 75 प्लस के टारगेट को पूरा करने में असफल रही है।
पार्टी के दिग्गज नेताओं ने बैठक में अपने विचार रखते हुए कहा कि जन आशीर्वाद यात्रा पार्टी को बहुमत में दूर रखने में बड़ा कारण रही है। इस यात्रा के दौरान दूसरे दलों के अनेक नेता शामिल हो गए और वह िटकटार्थी भी बन गए, जिसके कारण टिकट विवरण में भी काफी परेशानी आई आैर जिन लोगों को टिकट नहीं मिला उन्होंने भीतरीघात किया।
इस यात्रा ने हरियाणा में भाजपा के टिकटार्थियों की संख्या एकदम से चारगुना कर दी। सूत्रों के अनुसार बैठक में कई नेताओं ने यह भी कहा कि टिकट वितरण के दाैरान जातीय समीकरण और क्षेत्र के हिसाब-किताब में भी गड़बड़ रही है। कई जगह टिकटों में फेरबदल कर दिया गया, जिसके कारण कई उम्मीदवार जीतने की स्थिति के बाद भी चुनाव हार गए।
एक पूर्व मंत्री ने कहा कि जाट वर्ग को पार्टी यह संदेश देने में विफल रही कि वह उनके कोई भेदभाव नहीं बरत रही। इसके साथ ही जाट आंदोलन के दौरान जो भाईचारे की खाई पैदा हुई उसे भरपाने में भी कहीं न कहीं कंजूसी बरती गई।
सरकार की नीतियां जनता तक पहुंचाएं
मुख्यमंत्री और भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों की इस बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। कुल मिलाकर यह बैठक भविष्य की रणनीति और कार्ययोजनाओं पर केंद्रित रही। जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधायकों को कई मंत्र दिए। उन्हें यह बताया कि गया कि वह किस प्रकार से वह जनता के बीच रहकर काम करें। जनता की परेशानियों और जरूरतों को समझें। सरकार की नीतियों से जनता को अवगत कराएं।
मीटिंग में कहा गया कि विधायक अपने स्तर पर जनता सतत फीडबैक भी लेते रहें। जनता और विधायकों के बीच किसी प्रकार का कम्युनिकेशन गैप नहीं होना चाहिए। विधानसभा चुनाव 2019 को लेकर आपेक्षित चुनाव परिणाम नहीं आने को लेकर भी चर्चा हुई।
पिछले चुनाव में भाजपा को मिली थी 47 सीटें
बता दें कि विधानसभा चुनाव में भाजपा इस बार बहुमत से चूक गई। इसकी वजह से पार्टी को जनता जननायक पार्टी (जेजेपी) से गठबंधन करना पड़ा। चुनाव में भाजपा को कुल 40 सीटें मिली हैं जबकि जेजेपी को 10 और कांग्रेस को 31 सीटें मिली हैं। साल 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 47 सीटें मिली थी। लेकिन इस बार भाजपा बहुमत से चूक गई और उसके कई मंत्री चुनाव हार गए।