चंडीगढ़ : हरियाणा कांग्रेस में मची उथल-पुथल के बीच हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर कुलदीप बिश्नोई की ताजपोशी की संभावना बन गई है। वर्तमान अध्यक्ष अशोक तंवर आगामी 14 फरवरी को अपना कार्यकाल के पांच साल पूरा कर रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस हाईकमान हरियाणा को गति देने के लिए पूरी तरह से सक्रिय हो गई है।
नवनियुक्त प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने सोमवार से विधायकों के साथ मुलाकात का दौर शुरू कर दिया है। हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित कांग्रेस के कुल सत्रह विधायक हैं। इनमें कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन रणदीप सिंह सुरजेवाला, सीएलपी लीडर किरण चौधरी और आदमपुर विधायक कुलदीप बिश्नोई भी शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि गुलाम नबी ने इन सभी नेताओं से मुलाकात की है।
दूसरी तरफ अशोक तंवर हरियाणा कांग्रेस के ऐसे अध्यक्ष हैं जिनके कार्यकाल को पांच साल पूरे होने जा रहे हैं और वह आजतक जिला व ब्लाक कांग्रेस कार्यकारिणी का गठन नहीं कर सके हैं। जिसका मुख्य कारण पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ उनका छत्तीस का आंकड़ा है। तंवर के खिलाफ हुड्डा खेमा दिल्ली दरबार में लगातार लाबिंग कर रहा है। हरियाणा प्रभारी से मुलाकात के दौरान भी हुड्डा समर्थित विधायकों ने तंवर के खिलाफ माहौल बनाया। माना जा रहा है कि एमएलए की मुलाकात भी इसी कड़ी में हुई है।
सूत्रों की मानें तो पिछले चार साल से कांग्रेस की जिला व ब्लाक कार्यकारिणी का गठन न होने के चलते हाईकमान अशोक तंवर से खासी नाराज है। जिसके चलते उन्हें अब इस पद से मुक्त करने की तैयारी हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी अब कुलदीप बिश्नोई को दिए जाने की तैयारी हो गई है। हालांकि हुड्डा समर्थक विधायक यह पद हुड्डा को दिए जाने के लिए लंबे समय से लॉबिंग कर रहे हैं लेकिन हाईकमान इसके लिए राजी नहीं है।
हरियाणा में बन रहे जाट व गैर जाट के समीकरणों के बीच हाईकमान अब किसी तरह का जोखिम लेने के मूढ में नहीं है। हुड्डा व उनके खेमे के बढ़ते दबाव को देखते हुए पार्टी उन्हें चुनाव प्रचार समीति का अध्यक्ष लगाने की तैयारी की है। इस ध्रुवीकरण के बीच कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी सेफ जोन में चली गई हैं। फिलहाल किरण चौधरी की कुर्सी को कोई खतरा नहीं है।
(राजेश जैन)