चंडीगढ़ : हरियाणा प्रदेश का कर संग्रहण पिछले चार साल में 12 फीसदी बढ़ा है। साल 2013-14 में कर संग्रह 25567 करोड़ था, जो 2017-18 में बढकऱ लगभग 41 हजार करोड़ हो गया है। इस उपलब्धि के पीछे हरियाणा सरकार की पारदर्शी नीतियां और ईमानदार प्रशासन है। हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा हर क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जहां साल 2013-14 में कर संग्रह की ग्रोथ 8.52 फीसदी थी वहीं अब यह बढकऱ 20.76 फीसदी है, जो एक बड़ी उपलब्धि है।
इस कर संग्रहण में स्टाम्प और रजिस्ट्रेशन फीस, एक्साइज ड्यूटी, वाहन कर और सेल टैक्स/जीएसटी इत्यादि शामिल हैं। हरियाणा की वित्तीय स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है, जहां एक और सरकारी पैसे को बहुत सोच समझकर और पारदर्शिता के साथ खर्च किया जा रहा है और वहीं कर संग्रहण के प्रबंधन को और बेहतर किया गया है। इसी के चलते कर संग्रहण की दिशा में भी हरियाणा ने नया मुकाम हासिल किया है। वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि साल 2013-14 में हरियाणा का कर संग्रह 25567 करोड़, 2014-15 में 27635 करोड़, 2015-16 में 30930 करोड़, 2016-17 में 34026 करोड़ से 2017-18 में बढकऱ लगभग 41 हजार करोड़ हो गया है। अगर वार्षिक वृद्धि के लिहाज़ से देखें तो 2013-14 में यह वृद्धि 8.52 फीसदी, 2014-15 में 8.09, 2015-16 में 11.92, 2016-17 में 10.01 से 2017-18 में दोगुनी से भी ज्यादा 20.76 फीसदी हो गई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि हरियाणा में भाजपा की सरकार के गठन के बाद से ही सरकार जहां एक ओर ईमानदारी और पारदर्शी प्रशासन देने का काम किया वहीं राज्य की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने की दिशा में कई कार्य किया। सरकार की ज्यादातर कार्यप्रणाली को ऑनलाइन किया गया है। इसके साथ ही सरकार की तरफ से हर उस कर को प्राप्त का कार्य प्रमुखता से किया गया जो पिछली सरकार के समय से पेंडिंग था। भाजपा सरकार ईमानदारी से प्रदेश का विकास कर रही है।
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(आहूजा)