हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि केंद्रीय बजट में किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए अनेक कदम उठाए गए हैं जिनमें रबी और खरीफ सीजन 202।22 में लगभग 1208 लाख टन गेहूँ और धान खरीद के लिये 163 लाख किसानों के खातों में एमएसपी का 2.37 लाख करोड़ रुपए का सीधे किसानों के खातों में सीधे भुगतान किया जाएगा। श्री खट्टर ने कहा कि हरियाणा में पहले से ही किसानों की फसल खरीद का भुगतान उनके खातों में किया जा रहा है।
किसान ड्रोन’ के उपयोग को बढ़वा दिया जाएगा
नई प्रौद्योगिकी के उपयोग को रेखांकित करते हुए कृषि फसलों का आंकलन, भूमि दस्तावेजों का डिजिटलीकरण तथा कीटनाशकों और पोषक तत्वों का छिड़काव के लिए ‘किसान ड्रोन’ के उपयोग को बढ़वा दिया जाएगा। हरियाणा सरकार ने प्रदेश में पहले से ही ड्रोन ऑथोरिटी का गठन किया है।
उन्होंने बताया कि बजट में रसायनों का उपयोग न कर प्राकृतिक खेती पर भी ध्यान केन्द्रित किया गया है। देशभर में रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़वा दिया जाएगा जिसके प्रथम चरण में गंगा नदी से सटे पांच किमी चौड़ गलियारों (कोरिडोर्स) के अंतर्गत आने वाली किसानों की जमीनों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
स्टार्ट-अप्स का वित्त पोषण करना’ होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीपीपी मोड में एक नई योजना शुरू की जाएगी जिसके तहत किसानों को डिजिटल और हाइटेक सेवाएं प्रदान की जाएंगी। इसके लिए सार्वजनिक क्षेत्र के अनुसंधान और विस्तार संस्थाओं के साथ-साथ निजी कृषि प्रौद्योगिकी कंपनियां और कृषि मूल्य श्रृंखला के हितधारक शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि सह-निवेश मॉडल के अंतर्गत सृजित मिश्रित पूंजीयुक्त कोष के लिए नाबार्ड से सहायता प्रदान की जाएगी।
इस कोष का उद्देश्य ‘कृषि उत्पाद मूल्य श्रृंखला के लिए उपयुक्त कृषि और ग्रामीण उद्यमों से संबंधित स्टार्ट-अप्स का वित्त पोषण करना’ होगा। इन स्टार्ट-अप्स के क्रियाकलापों में अन्य बातों के अलावा किसानों को फॉर्म स्तर पर किराये के आधार पर विकेन्द्रीकृत मशीनरी उपलब्ध कराना, एफपीओ के लिए आईटी आधारित सहायता उपलब्ध कराना जैसे कार्य शामिल होंगे।
केन्द सरकार क्रियान्वयन के लिए सहायता जारी कर देगी
श्री खट्टर के अनुसार 44,605 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से केन-बेतवा लिंक परियोजना को लागू किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य 9.08 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना है। यह परियोजना 62 लाख लोगों के लिए पेयजल की आपूर्ति करने के अलावा 103 मेगावाट हाइड्रो और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा भी उपलब्ध कराएगी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के लिए संशोधित अनुमान 202।22 में 4,300 करोड़ रुपए और 2022-23 में 1,400 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।
उन्होंने कहा कि पांच रीवर लिंक्स तथा दमन गंगा-पिनजाल, पार-तापी-नर्मदा, गोदावरी-कृष्णा, कृष्णा-पेन्नार-कावेरी के ड्राफ्ट डीपीआर को अंतिम रूप दिया गया है। इससे लाभान्वित होने वाले राज्यों के बीच इन पर सहमति कायम होते ही केन्द सरकार इनके क्रियान्वयन के लिए सहायता जारी कर देगी।