चंडीगढ़ : पश्चिमी राजस्थान से उठे धूल के गुबार के कारण गुरुवार को पूरे हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ के आस पास के क्षेत्रो को अपनी लपेट में ले लिया। जिस कारण आम जन जीवन पूरी तरह से प्रभावित रहा। दिन भरी चिलचिलाती धूप व धूल भरे गुब्बारे ने आम जीवन में कार्य करने वालो को पूरी तरह से परेशान किया। धूल, धूल और सिर्फ धूल! पिछले कुछ समय से घर और बाहर धूल ही धूल नजर आ रही है। ये धूल भरी आंधी बल्कि पूरा उत्तर भारत में लोगों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव डाल रही है। राजस्थान और ब्लूचिस्तान (पाकिस्तान) की ओर से चलीं धूलभरी गर्म हवाओं की वजह से उत्तर भारत के आसमान पर धूल की एक परत-सी बन गई है।
भरी हवाएं चलने का कारण पश्चिमी विक्षोभ माना जा रहा है। पूरे हरियाणा व पंजाब प्रदेश में धूल भरी हवाएं चल रही हैं और आसमान में धूल का गुबार छाया हुआ है। धूल के कारण गर्मी अधिक महसूस हो रही है। शाम और रात के समय गर्मी अधिक परेशान इसलिए कर रही है क्योंकि धूल की यह चादर जमीन की सतह से गर्मी को वायुमंडल में वापस नहीं जाने देती। चंडीगढ़ मौसम विभाग के निदेश सुरेंद्र पाल सिंह का कहना है कि शुक्रवार को बारिश होने की संभावना है। वहीं जून के अंत तक मानसून हरियाणा में दस्तक दे सकता है।
वहीं मानसून इस महीने के अंत तक पहुंचने की उम्मीद है। मौसम विशेषज्ञ के अनुसार प्रेशर ग्रेडियंट में बड़े अंतर के चलते हवाएं तेज हुई। पाकिस्तान में दबाव अधिक है, जबकि उत्तर-पश्चिम भारत में दबाव कम है। अधिक दबाव वाले क्षेत्रों से कम दबाव वाले क्षेत्र में हवाएं तेजी से आती हैं। यही कारण है कि उत्तर-पश्चिम भारत में 30 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गर्म हवाएं चल रही हैं। मैदानी क्षेत्रों में छाई धूल पाकिस्तान और मध्य-पूर्व एशिया सहित राजस्थान में लंबे समय से बारिश नहीं हुई है। इन भागों में रेगिस्तान की रेत के अलावा धूल के कण भी तेज हवाओं के साथ उत्तर भारत तक पहुंच रहे हैं। शुरुआत में इन भागों से उठा धूल का गुबार वायुमंडल में 7 से 8 हजार फीट ऊपर था और बाद में नीचे आई।
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(आहूजा)