हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार को ”किसान विरोधी” बताते हुए दादरी विधासभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने अपना समर्थन वापस ले लिया। इससे एक दिन पहले सांगवान ने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को समर्थन देते हुए हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
सांगवान ने मंगलवार को कहा, “मैंने किसान विरोधी इस सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। ये सरकार किसानों के साथ हमदर्दी रखने के बजाय उन्हें रोकने के लिए पानी की बौछार, आंसू गैस के गोले जैसे सभी उपायों का इस्तेमाल कर रही है। मैं ऐसी सरकार को अपना समर्थन जारी नहीं रख सकता हूं।”
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को लिखे पत्र में सांगवान ने कहा था, ”किसानों के समर्थन में मैंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पूरे देश की तरह, मेरे विधानसभा क्षेत्र दादरी के किसान भी कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। ऐसे हालात में, उनका पूरा समर्थन करना मेरी प्राथमिकता है और नैतिक कर्तव्य भी है।”
विधायक के समर्थन वापस लेने से एक साल से अधिक समय पहले बनी गठबंधन सरकार को कोई खतरा नहीं है। उसके पास 90 सदस्य विधानसभा में पूर्ण बहुमत है। फिलहाल, बीजेपी के पास 40 विधायक हैं जबकि उसकी सहयोगी जेजेपी के पास 10 विधायक हैं। इसके अलावा विपक्षी कांग्रेस के 31 सदस्य हैं और इंडियन नेशनल लोकदल और हरियाणा लोकहित पार्टी का एक -एक विधायक है।
सात विधायक निर्दलीय हैं जिनमें से ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह चौटाला समेत पांच सत्तारूढ़ गठबंधन का समर्थन कर रहे हैं। इस साल, निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने भी खट्टर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। सांगवान ने रविवार को कहा था कि हरियाणा की कई खापों ने फैसला किया है कि वे किसानों के ”दिल्ली चलो” मार्च का समर्थन करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी कूच करेंगे।