गुरुग्राम : गुरुग्राम रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम की हाई स्पीड रेल मानेसर से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट तक महज 40 मिनट में पहुंचाएगी। इतना ही नहीं, आरआरटीसी की आंतरिक सेवाएं हवाई जहाज जैसी होंगी। दूसरी तरफ पुराने गुड़गांव में मेट्रो के डीपीआर को मंजूरी मिलने के बाद पुराने शहर के चमकने की उम्मीद बढ़ी है।
साईबर सिटी की चकाचौध के आगे पुराना शहर आधारभूत संरचनात्मक विकास से लेकर आंतरिक परिहवन में उपेक्षित रहा है। लेकिन गुरुग्राम का यह हिस्सा भी आगामी तीन से पांच साल के भीतर ही हाईटैक यातायात मामलों में सबसे समृद्ध शहर बन जाएगा। पुराने गुड़गांव से रेलवे स्टेशन जाना हो या एयरपोर्ट ऑटो और कैब को मोटी रकम अदा करके ही जाने का विकल्प अब तक मौजूद है।
यहां तक कि दिल्ली और हरियाणा राज्य की सीमा के कारण ऑटो और अन्य साधन भी दिल्ली की सीमा में नहीं जाते यदि जाते भी है तो टोल की मोटी रकम अदा करनी पड़ती है। जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है। अब पुराने गुड़गांव को मेट्रो सेे जोडने के लिए जिन स्टेशनों को प्रस्तावित किया गया है, वह तकरीबन दो दर्जन से अधिक है।
दूसरी तरफ हाईस्पीड रेल के दिल्ली से राजस्थान परिपथ पर कुल 22 स्टेशन होंगे जिनमें कई स्टेशन गुड़गांव से होकर गुजरेंगे। दिल्ली गाजियाबाद मेरठ के बाद दूसरे कॉरिडोर दिल्ली गुड़गांव, अलवर का निर्माण कार्य तेज गति से आगे बढ़ रहा है जो कि कुल 106 किमी लंबा मार्ग होगा। इस कॉरिडोर के निर्माण पर प्रदेश सरकार साढे छह सौ करोड़ रुपए व्यय करेगी।
– अजय तोमर