चंडीगढ़ : हरियाणा से संबंधित अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता मनु भाकर द्वारा ईनाम की राशि न दिए जाने पर किए गए एक टवीट् से प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। आज दिन भर सचिवालय में मनु भाकर के टवीट् की चर्चा होती रही। विपक्ष ने पूरी एकजुटता के साथ सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है, वहीं खेलकूद मंत्री अनिल विज ने मनु भाकर को नसीहत देते हुए एक टवीट् करके सरकार का बचाव करने का प्रयास किया है।
मनु भाकर ने पिछले साल युवा ओलंपिक के दौरान गोल्ड जीता था। तब खेलकूद मंत्री अनिल विज ने मनु भाकर बधाई देते हुए एक टवीट् के माध्यम से कहा था कि प्रदेश सरकार को मनु भाकर पर गर्व है और उसे दो करोड़ रुपए की ईनामी राशि दी जाएगी। खेल मंत्री ने पिछले साल 10 अक्तूबर को यह टवीट् किया था।
विज ने उस समय कहा था कि पूर्व सरकार खिलाडिय़ों को दस लाख रुपए देती थी लेकिन उनकी सरकार दो करोड़ रुपए देगी। टवीट् करके वाहवाही लेने के चक्कर में विज भूल गए थे कि उनकी सरकार द्वारा बनाई खेल नीति में दो करोड़ नहीं बल्कि एक करोड़ रुपए दिए जाते हैं। अब गत दिवस मनु भाकर ने विज के पुराने टवीट् को टैग करके पूछा था कि यह ईनाम मिलेगा या फिर केवल जुमला है।
युवा शूटर के टवीट् के बाद खेल मंत्री अनिल विज आज न केवल भड़के बल्कि उन्होंने एक के बाद एक दो टवीट् करके भाकर को नसीहत भी दे डाली। अनिल विज ने टवीट् करके मनु भाकर से कहा कि उन्हें सार्वजनिक मंच पर आने से पहले खेलकूद विभाग से स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए थी। विज ने इसे घिनौना कृत्य बताते हुए कहा कि हरियाणा सरकार देश में खिलाडिय़ों को सबसे अधिक ईनामी राशि देती है।
विज अपने टवीट् के माध्यम से इस बात पर जोर दिया है कि मनु भाकर को उस समय की अधिसूचना के अनुसार दो करोड़ रुपए मिलेंगे। अनिल विज यहीं नहीं रूके। उन्होंने मनु भाकर को नसीहत देते हुए कहा कि खिलाडिय़ों में अनुशासन का होना जरूरी है। भाकर को यह विवाद पैदा करने के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्हें इस क्षेत्र में बहुत आगे जाना है। इसलिए उन्हें केवल अपने खेल पर ध्यान केंद्रीत करना चाहिए।
(राजेश जैन)