रोहतक : जाट शिक्षा समिति के कॉलेजों में स्थाई नियुक्तियों पर प्रतिबंध लगाने और संस्था की चुनाव प्रक्रिया जल्द शुरू करवाने के लिए जाट संस्था से जुड़े सदस्यों ने उपायुक्त डॉ. यश गर्ग के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। साथ ही आजीवन सदस्यों ने संस्था में गुपचुप तरीके से भर्ती करने का आरोप लगाया। सोमवार को जाट शिक्षा समिति के पूर्व महासचिव गुलाब सिंह दिमाना व जाट स्कूल एलुमनी एसोसिएशन के प्रधान व पूर्व कार्यकारिणी सदस्य के सतबीर सिंह छिकारा की अध्यक्षता में आजीवन सदस्यों की बैठक हुई। बैठक में मौजूद आजीवन सदस्यों का कहना था कि जब तक जाट शिक्षण संस्थाओं में कार्यकारिणी गठित नहीं हो जाती तब तक स्थाई नियुक्तियों पर प्रतिबंध लगाया जाए और चुनाव प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू करवाई जाए।
आजीवन सदस्यों ने आरोप लगाया कि जाट शिक्षा समिति में प्रशासक चुनाव प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की बजाय अनावश्यक तरीके से संस्था में हस्तक्षेप कर रहे हैं। जुलाई 2015 में सरकार द्वारा जाट शिक्षा समिति पर प्रशासक की नियुक्ति की गई थी। पहले प्रशासकों द्वारा जाट शिक्षण संस्थाओं में किसी भी तरह से कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया और चुनाव प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए बेहतर कार्य किए गए थे। लेकिन जब तक वर्तमान प्रशासक की नियुक्ति जाट शिक्षा समिति पर की गई है तब से सभी शिक्षण संस्थाओं में प्रशासक मनमानी कर रहे हैं।
वे चुनाव प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की बजाय इन शिक्षण संस्थाओं में गुप्त तरीके से स्थाई नौकरी लगवाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। जबकि यह कार्य केवल चयनित प्रधान या कार्यकारिणी के अधिकार क्षेत्र में आता है। पूर्व कार्यकारिणी सदस्य सतबीर छिकारा ने बताया कि जाट कॉलेज में नियमित प्राचार्य पद पर नियुक्ति देने के लिए उन्होंने गुप्त तरीके से ऐसे समाचार पत्रों में विज्ञापन दिया गया जिनकी प्रसार संख्या हरियाणा में न के बराबर है और इस विज्ञापन को कॉलेज की वेबसाइट पर नहीं डाला गया है। प्राचार्य पद की नियुक्ति करने के विज्ञापन के बारे में कॉलेज प्रबंधन व अन्य कर्मचारियों को भी इसकी जानकारी नहीं है।
24X7 नई खबरों से अवगत रहने के लिए यहाँ क्लिक करें।
(मनमोहन कथूरिया)