रोहतक : शनिवार को गांव जसिया स्थित छोटूराम धाम पर आखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने की। समिति ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा का विरोध करने का निर्णय लिया है। समिति की हुई प्रदेश स्तरीय बैठक में जाट आंदोलन को लेकर भी चर्चा हुई और फैसला लिया कि प्रदेशभर में समिति द्वारा भाईचारा न्याय यात्रा निकाली जाएगी और 18 जनवरी को प्रदेश स्तरीय बैठक में यात्रा व आंदोलन को लेकर रुपरेखा तय की जाएगी।
समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कहना है कि जिस तरह से हरियाणा में विधानसभा चुनाव में समिति ने भाजपा का विरोध किया था, उसी तरह से दिल्ली में भी विरोध किया जाएगा और दिल्ली कार्यकारिणी इस पर काम कर रही है। पूर्व वित मंत्री कैप्टन अभिमन्यु से भी केस वापिस लेने की मांग की गई है और कहा कि पूर्व वित मंत्री इस संबंध में फैसला लेकर समाज में बड़ा संदेश देंगे। बैठक में एक बार फिर से जाटों को आरक्षण व आंदोलन के दौरान दर्ज किये गए केस वापिस लेने की मांग की गई।
करीब तीन घंटे तक चली बैठक में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज केसों को लेकर समीक्षा की और प्रदेश सरकार के मांग की कि आंदोलन के दौरान दर्ज किये गए सभी केस वापिस लिये जाए। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने बताया कि प्रदेश व केंद्र सरकार को अपना वायदा पूरा करना चाहिए और तुरंत आंदोलन के दौरान दर्ज केसों को खारिज करें।
उन्होंने कहा कि 18 जनवरी को प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में प्रदेश में शुरु की जाने वाली भाईचारा न्याय यात्रा और आंदोलन को लेकर रुप रेखा तय की जाएगी। साथ ही बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि 22 फरवरी को आंदोलन में मारे गए लोगों की याद में प्रदेश स्तरीय रैली आयोजित की जाएगी।
आरक्षण समिति ने प्रदेश सरकार पर वायदा खिलाफी का भी आरोप लगाया और कहा कि एक बार नहीं बल्कि कई बार सरकार व समिति के बीच फैसला हुआ था, लेकिन सरकार ने भी तक कई मांगों को पूरा नहीं किया गया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर भी समिति ने भाजपा का विरोध करने का निर्णय लिया है।