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कौन बनेगा हरियाणा का डीजीपी, आज होगा फैसला

देसवाल ने डीजीपी बनने में दिलचस्पी नहीं दिखाई है। नामों का पैनल तैयार करने के लिए यूपीएससी ने सरकार के माध्यम से देसवाल से लिखित प्रतिक्रिया मांगी थी।

चंडीगढ़ : हरियाणा का स्थाई पुलिस महानिदेशक कौन होगा इसका फैसला शुक्रवार को हो सकता है। पंजाब में नए पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति के बाद अब बारी हरियाणा की है। जिसके चलते संघ लोक सेवा आयोग ने शुक्रवार को दिल्ली में बैठक बुलाई है। आज की बैठक में तीन नामों का पैनल तैयार किया जाएगा। जिनमें से किसी एक को सरकार द्वारा पुलिस महानिदेशक लगाया जाएगा। हरियाणा में पुलिस महानिदेशक पद को लेकर कई दिनों से खींचतान चल रही है।

प्रदेश के वरिष्ठ आईपीएस एवं आइटीबीपी के महानिदेशक एसएस देसवाल ने डीजीपी बनने में दिलचस्पी नहीं दिखाई है। नामों का पैनल तैयार करने के लिए यूपीएससी ने सरकार के माध्यम से देसवाल से लिखित प्रतिक्रिया मांगी थी। जिसके चलते उन्होंने डीजीपी बनने से इनकार कर दिया। देसवाल द्वारा इच्छा न जताए जाने के कारण यूपीएससी की बैठक लगातार टलती रही।इस बीच सरकार ने के.पी. सिंह को कार्यवाहक डीजीपी लगा दिया।

देसवाल द्वारा इच्छा न जताए जाने के कारण अब के.पी. सिंह डीजीपी बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं। सिंह का कार्यकाल अगले साल 30 जून को पूरा होने जा रहा है। ऐसे में अगर दो साल न्यूनतम कार्यकाल का नियम लागू होता है तो उनकी दावेदारी कमजोर पड़ जाएगी।  प्रदेश सरकार ने डीजीपी के लिए वरिष्ठता के आधार पर जिन दस अफसरों के नाम यूपीएससी को भेजे हैं, उनमें चार ऐसे हैं जो अगले साल सितंबर तक रिटायर हो जाएंगे।

हालांकि डीजीपी के लिए अन्य सभी शर्तें पूरी करने और बेहतर सेवाकाल वाले अफसरों को दो साल की समय सीमा में छूट दी जा सकती है। बृहस्पतिवार को यूपीएससी की बैठक में आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के साथ ही हरियाणा के मुख्य सचिव, कार्यकारी पुलिस महानिदेशक, केंद्रीय गृह सचिव या उनके प्रतिनिधि और केंद्र सरकार का एक आइपीएस अफसर शामिल होंगे। डीजीपी बनने के लिए प्रदेश के आईपीएस अफसरों में जबरदस्त लॉबिंग चल रही है।

तमाम समीकरणों के बाद जेल महानिदेशक के सेल्वराज कुर्सी की दौड़ में सबसे आगे हैं। उनके सेवाकाल में अभी दो साल बाकी हैं जिसका उन्हें फायदा मिल सकता है। होम गार्ड के कमांडेंट जनरल डॉ.बीके सिन्हा इसी साल 30 सितंबर को रिटायर होने हैं। ऐसे में उन्हें डीजीपी बनाने की संभावनाएं कम हैं।

अगले साल 30 सितंबर को रिटायर हो रहे राज्य सतर्कता ब्यूरो के महानिदेशक पीआर देव ने पिछले कई दिनों से दिल्ली में डेरा डाल रखा है। मधुबन में महानिदेशक केके सिंधू और डीजीपी पुलिस मुख्यालय केके मिश्रा भी डीजीपी की दौड़ में हैं, लेकिन उनकी रिटायरमेंट इसमें आड़े आ सकती है।

(राजेश जैन)

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