चंडीगढ़ : हरियाणा में आर्थिक मंदी व बेरोजगारी की खबरों को निराधार बताते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पड़ोसी राज्य पंजाब के मुकाबले हरियाणा के आर्थिक हालात काफी मजबूत हैं। पिछले पांच साल के दौरान हरियाणा में एक बार भी ऐसा नहीं हुआ है जब कर्मचारियों को समय पर तनख्वाह या पेंशन भोगियों को समय पर पेंशन न मिली हो। यह बात मंगलवार को चंडीगढ़ में हरियाणा की आर्थिक रिपोर्ट मीडिया के समक्ष पेश करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कही।
उन्होंने कहा कि आर्थिक मंदी से अकेले इंडिया नहीं कई देश जूझ रहे हैं। यह ऐसा सर्कल हैं, जो कुछ वर्षों बाद आता ही है। केंद्र सरकार से इससे निपटने के लिए कई बड़े कदम उठाये हैं। पहले 27 राष्ट्रीय बैंक थे और अब इनका विलय करके इनकी संख्या 12 की गई है। बैंकों के साइज को बढ़ा किया है और बैंकों में लेन-देन बढ़ाने के लिए भी कदम उठाये हैं। उद्योगों में भी सुधार होगा। सार्वजनिक बैंकों को 70 हजार करोड़ रुपये केंद्र ने मुहैया करवाए हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा के देश के अन्य राज्यों के मुकाबले अग्रणी करार देते हुए कहा कि वर्ष 2018-2019 में देश की जीडीपी जहां 6.8 थी वहीं हरियाणा की जीडीपी 8.2 रही है। इसी तरह कृषि क्षेत्र में भारत की जीडीपी 2.9 तो हरियाणा की 5.9, औद्योगिक विकास के क्षेत्र में भारत की दर 6.9 तथा हरियाणा की दर 8.6 रही है। इसके अलावा सर्विस सेक्टर में भारत की दर जहां 7.5 रही है वहीं हरियाणा की यह दर 8.2 रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में पिछले पांच वर्षों के भीतर 80 हजार करोड़ का पूंजी निवेश हो चुका है। प्रत्येक एमओयू के साथ रिलेशन मैनेजर काम कर रहे हैं। इज ऑफ डुइंग बिजनेस के मामले में हरियाणा वर्ष 2014 में जहां उत्तरी भारत में 14वें स्थान पर था वहीं अब यह पहले स्थान पर आ चुका है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा ने सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देते हुए बजट में छह हजार करोड़ तक बढ़ाया है। सीएम ने कहा कि हरियाणा में मानव संपदा के नया से नया मंत्रालय बनाया जाएगा।