चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने फिर से कहा है कि एसवाईएल के पानी पर हरियाणा का अधिकार है और हरियाणा को उसके हिस्से का पानी दिलवाने के लिए वचनबद्ध है। इसके लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल शुक्रवार को चंडीगढ़ में गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित नार्थ जोन कौंसिल की 29वीं बैठक में रिपोर्ट पेश कर रहे थे।
मनोहर लाल ने एसवाईएल के मुद्दे पर अब तक हुई कार्यवाही के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला हरियाणा के हक में आने के बावजूद हरियाणा को अभी तक अपना हक नहीं मिल सका है। केंद्र को यह फैसला जल्द से जल्द लागू करवाना चाहिए।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय में हरियाणा की हिस्सेदारी की मांग को उठाते हुए वर्ष 1996 तक पंजाब विश्वविद्यालय में हरियाणा का हिस्सा था। जिसे बाद में खत्म कर दिया गया लेकिन अब हरियाणा को उसका हिस्सा दिया जाना जरूरी है। हरियाणा अपने हिस्से का अनुदान देने के लिए तैयार है। गृहमंत्री अमित शाह ने इस मुद्दे पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जीएसटी के बाद राज्यों को हुए वित्तीय नुकसान की भरपाई करने की मांग उठाते हुए कहा कि केंद्र को जीएसटी की भरपाई की तरफ ध्यान देने की जरूरत है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रीय औषधि नीति बनाने पर भी अपनी रिपोर्ट पेश की। ड्रग्स का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इस समस्या से पंजाब ही नहीं बल्कि हरियाणा, राजस्थान व हिमाचल भी इस समस्या से जूझ रहे हैं।
अमरिंदर सिंह का समर्थन करते हुए हिमाचल के राज्यपाल जयराम ठाकुर ने कहा कि पंजाब के बाद हिमाचल में भी ड्रग्स माफिया पांव पसार रहा है। इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर रिपोर्ट पेश करते हुए ठाकुर ने केंद्र द्वारा हालही में लागू किए गए नए मोटर व्हीकल एक्ट पर भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि नए एक्ट में कई खूबियां तो हैं लेकिन जुर्माना राशि को लेकर जनता में विरोधाभास है।
जिसके चलते हिमाचल सरकार द्वारा इसका अध्ययन करवाया जा रहा है। बैठक में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 समाप्त किए जाने के बाद की स्थितियों के अलावा वहां की कानून-व्यवस्था पर विस्तार से रिपोर्ट पेश की।