चंडीगढ़ : बदतर होती वायु गुणवत्ता के लिए पराली जलाने को जिम्मेदार बताये जाने की बात को खारिज करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को कहा कि फसल के अवशेषों के जलाये जाने का वायु प्रदूषण में योगदान केवल 18 से 20 फीसदी है ।
हरियाणा विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने सदन को बताया, ‘‘पराली जलाने का मुद्दा यहां उठाया गया । मुझे पता है कि यह ऐसी समस्या बन गयी है कि कोई भी यहां वहां इस पर बातचीत नहीं कर सकता है ।’’
उन्होंने बताया, ‘‘कोई नहीं चाहता कि प्रदूषण कहीं भी हो । दो दिन पहले हरियाणा का शायद ही कोई ऐसा जिला होगा जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के नीचे हो । लेकिन पराली जलाना ही केवल इसके लिए जिम्मेदार है तो ऐसा नहीं है ।’’ खट्टर ने कहा कि पराली जलाये जाने से प्रदूषण में केवल 18 से 20 फीसदी का योगदान होता है और 80 प्रतिशत के लिए ‘‘अन्य कारक’’ जिम्मेदार हैं ।