कुरुक्षेत्र : भारतीय संस्कृति के संरक्षक, उन्नायक व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सुसंस्कारित गुरुकुल शिक्षा की ज्ञान गंगा पूरे विश्व में प्रवाहित होनी चाहिए। गुरुकुल शिक्षा पद्धति विद्यार्थियों में अनुशासन व प्रेम की भावना जागृत कर समाज उत्थान में अहम भूमिका निभाती है।
गुरुकुल शिक्षा पद्धति विश्व में सबसे बड़ी शक्ति के रूप में स्थापित होगी जिससे समाज को एक नई दिशा व मार्गदर्शन मिलेगा। वे शनिवार को गुरुकुल कुरुक्षेत्र के दो दिवसीय 106वें वार्षिक समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे, जबकि समारोह की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश के महामहिम राज्यपाल व गुरुकुल के संरक्षक आचार्य देवव्रत ने की।
योगी ने अपने उद्बोधन में कहा कि नकारात्मक सोच हमारी सकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर देती है इसलिए हमें अपनी सोच को सकारात्मक बनाना चाहिए तभी देश व समाज उन्नति के शिखर पर पहुंचेगा। उन्होंने गो-माता के संदर्भ में कहा कि केवल गोमाता की जय-जयकार करने से गो-माता की रक्षा नहीं होगी बल्कि गो-माता के संरक्षण व संवर्धन के लिए प्रयास व अनुसंधान करने होंगे। जिस घर में गो-सेवा होती है, वह घर हर प्रकार से समृद्ध व सम्पन्न होता है।
उन्होंने कहा कि भारतीय देशी गाय की नस्ल विश्व के गोवंश के लिए सर्वोपरि है। यदि हम गो-सेवा को दैनिक दिनचर्या का अंग बना लें तो समस्त समाज स्वस्थ हो सकता है तथा दवाओं की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल एवं गुरुकुल के संरक्षक आचार्य देवव्रत ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश के मनस्वी व तेजस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में अपहरण, अराजकता व बलात्कार पर अंकुश लगाकर अनेक जन कल्याण कार्य किये हैं।
(रामपाल शर्मा)