हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने राज्य सरकार पर खाद की कमी को लेकर विधानसभा में समूचे सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया है। शैलजा ने मीडिया को आज जारी एक बयान में कहा कि कृषि मंत्री ने सदन में दावा किया था कि राज्य में यूरिया खाद की कोई कमी नहीं है लेकिन राज्य में यूरिया की आज भी किल्लत बनी हुई है। किसान यूरिया के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं। किसानों को इसके लिये कड़ाके की ठंड के बावजूद तड़के मंडियों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि धान की फसल के मंडी में पहुंचने के साथ ही किसान गेहूं की फसल की तैयारी शुरू कर देते हैं। धान बिक्री से मिली राशि से वे बीज और खाद खरीदते हैं। ऐसे में अक्टूबर माह में ही खाद का इंतजाम हो जाना चाहिए था लेकिन 3 माह बीत जाने के बाद भी खाद के लिए किसान धक्के खाने को मजबूर हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने अपनी कमियां छिपाने के लिए कृषि मंत्री को आगे कर दिया और उनसे विधानसभा में बयान दिलवा दिया कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है।
उन्होंने मांग करते हुए कहा कि कृषि मंत्री और प्रदेश सरकार को यूरिया की कमी के बारे में श्वेत पत्र जारी कर यह बताना चाहिए कि किस जिले में कितनी खाद मौजूद है और किसानों के सामने बन रहे मौजूदा खाद संकट के लिए जिम्मेदार कौन है। शैलजा यह भी आरोप लगाया कि कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से भी ज्यादा समय तक चले किसान आंदोलन के कारण राज्य सरकार किसानों से रंजिश पाले हुए है।
उन्होंने कहा कि राज्य में यूरिया का संकट कितना बड़ा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके आने की सूचना मिलते ही किसान मंडियों की ओर दौड़ पड़ते हैं। जींद जिले में कृषि विभाग के अधिकारी कह रहे हैं कि उन्होंने यूरिया की आपूर्ति को लेकर सरकार को मांग भेजी हुई है। लेकिन इसे पूरा नहीं किया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से खाद की जल्द कमी दूर करने की मांग की।