चंडीगढ़ : मंगलवार का दिन मनो: सरकार के कार्यकाल का अंतिम विधानसभा सत्र था। लेकिन खट्टर सरकार इस सत्र को भी यादगार बनाकर गई और चुनाव के बाद फिर से मिलने का आश्वासन देकर विधानसभा के अंतिम सत्र से विदाई ली। पिछले पांच साल के दौरान सदन के भीतर व बाहर अपने अच्छे व बुरे अनुभव साझा करने के बाद विदा हुए सभी राजनीतिक दलों के विधायक अगले माह विधानसभा चुनाव में आमने-सामने होंगे।
परंपरा के अनुसार सत्र के अंतिम दिन स्पीकर की तरफ से सभी विधायकों को बोलने का मौका दिया। पिछले पांच वर्षों के दौरान हरियाणा विधानसभा में कई नई परंपराएं कायम हुई तो कई पुरानी परंपराओं को बदला गया। पहली बार विधानसभा सचिवालय में नेता प्रतिपक्ष को कार्यालय व स्टाफ मुहैया करवाया गया। पिछले विधानसभा सत्रों की तरह इस अंतिम सत्र में भी कांग्रेस के विधायक रणदीप सिंह सुरजेवाला केवल एक दिन के लिए ही सत्र में दिखाई दिए।
अभय चौटाला ने विधानसभा में उठाया भर्ती का मामला : विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि वर्ष 2004 में उनकी सरकार में एचएसआई कर्मचारियों को भर्ती किया गया था, जिन्हें बाद में हटा दिया गया था। उस वक्त सरकार ने इनकी भर्ती उद्योगों की सुरक्षा करने के लिए की थी। वर्तमान सरकार ने इन्हें भर्ती किया लेकिन इनको नाममात्र का वेतन दिया जाता है।
अभय चौटाला ने कहा कि इनके कद को देखते हुए इनका वेतन बढ़ाना चाहिए। इस पर राज्य मंत्री कृष्ण बेदी ने कहा कि कांग्रेस ने जिन लोगों को निकाला था। उन्हें बीजेपी सरकार ने नियुक्ति दी है। बीजेपी किसी के साथ अन्याय नहीं होने देगी।