गुरुग्राम : हरियाणा मे जल्द लॉजिस्टिक, वेयरहाउसिंग एंड रिटेल पॉलिसी-2018 बनने जा रही है। हरियाणा के उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने गुरुग्राम में इस नई पालिसी को तैयार करने को लेकर इससे जुड़े उद्योंगों व कंपनियो के हितधारकों के साथ बैठक की और पॉलिसी तैयार करने के लिए उनके सुझाव मांगे। उन्होंने कहा कि इस पॉलिसी के बनने के बाद हरियाणा नार्थ इंडिया के सबसे बड़े लॉजिस्टिक हब के रूप में उभरेगा। केएमपी बनने के बाद हरियाणा बनेगा नार्थ इंडिया का सबसे बड़ा लॉजिस्टिक हब:उद्योग मंत्री आज गुरुग्राम में इस नई पॉलिसी को लेकर इससे जुड़ी कंपनियों के प्रतिनिधियों से बैठक कर रहे थे। आज आयोजित इस बैठक में 30 से ज्यादा हितधारकों ने भाग लिया और अपने सुझाव दिए कि किस प्रकार हरियाणा में वेयरहाउसिंग को बढ़ावा दिया जा सकता है।
इस अवसर पर उद्योग मंत्री ने कहा कि हरियाणा में भाजपा की सरकार बने लगभग साढ़े तीन साल का समय हो गया है। हरियाणा सरकार की मंशा है कि प्रदेश में वर्ष-2015 में बनाई गई उद्योग नीति, आईटी नीति व फूड प्रौसेसिंग नीति के तर्ज पर लोगों के सुझाव लेकर यह नीति भी तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि वर्ष-2015 में उद्योग नीति कंपनियों व उद्योगों तथा अन्य हितधारकों की राय लेकर तैयार की गई थी जिसके सकारात्मक परिणाम भी आने लगे हैं और हरियाणा प्रदेश ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस में 14वें स्थान से अब पहले स्थान पर आ गया है, जो हमारी सरकार की सोच और इच्छाशक्ति को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि आजकल बिजनेस का परिवेश बदलती परिस्थितियों की वजह से काफी बदल गया है। उन्होंने कहा कि केएमपी एक्सप्रेस-वे बनने के बाद हरियाणा नार्थ इंडिया का सबसे बड़ा लॉजिस्टिक हब बनने जा रहा है।
हितधारक एक सप्ताह के भीतर भिजवाएं सुझाव : उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हरियाणा प्रदेश का 60 प्रतिशत हिस्सा एनसीआर में आता है और केएमपी बनने के बाद यहां पर लोगों के लिए रोजगार की भी अपार संभावनाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि यह हरियाणा का लोकेशन एडवांटेज है कि यहां से 15 नेशनल हाईवे होकर गुजरते हैं और यहां सुरक्षा व्यवस्था आसपास के प्रदेशों की अपेक्षा अच्छी है। उन्होंने बैठक में हितधारकों से कहा कि वे लॉजिस्टिक वेयर हाउसिंग एंड रिटेल पॉलिसी 2018 की ड्राफ्टिंग में अपना सहयोग दें। इसके साथ ही उन्होंने हितधारकों को 1 सप्ताह के भीतर अपने सुझाव देने के लिए कहा ताकि अगस्त 2018 तक इस पॉलिसी को तैयार कर प्रदेश में लागू किया जा सके।
बैठक में आए विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधियों ने उद्योग मंत्री के समक्ष अपने सुझाव रखे। बैठक में दूसरे राज्यों जैसे महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश व पंजाब में बनाई गई पॉलिसी के बारे में भी विस्तार से चर्चा की गई और सुझाव दिए गए। बैठक में इंफ्रास्ट्रक्चर तथा एआरए आदि को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव हितधारकों द्वारा दिए गए जिससे उद्योग मंत्री काफी प्रभावित हुए और उन्होंने कहा कि इन सुझावों को ध्यान में रखते हुए पॉलिसी बनाई जाएगी ताकि भविष्य में इसके अच्छे परिणाम सामने आएं । बैठक में उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने भी अपने विचार रखे। श्री सिंह ने कहा कि हरियाणा सरकार एक ऐसी पॉलिसी बनाना चाहती है जिसमें इससे जुड़े हितधारकों के महत्वपूर्ण सुझाव को समायोजित किया गया हो। बैठक में इस पॉलिसी को लेकर एक पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन भी दी गई। इस अवसर पर उद्योग विभाग हरियाणा के निदेशक अशोक सांगवान भी उपस्थित थे।
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