मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को दूसरे कार्यकाल के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। विधानसभा की 40 सीटें पाने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बहुमत न मिलने पर पहली बार गठबंधन सरकार बनाई है। भाजपा ने 10 सीटें पाने वाली जननायक जनता पार्टी (जजपा) के साथ गठबंधन किया है।
31 वर्षीय जजपा प्रमुख दुष्यंत चौटाला ने खट्टर सरकार में उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने शपथ दिलाई। राजभवन में 10 मिनट से भी कम समय तक चले समारोह में खट्टर और दुष्यंत को छोड़कर किसी भी कैबिनेट सदस्य ने शपथ नहीं ली। 65 वर्षीय खट्टर दूसरे कार्यकाल में भी 1 नवंबर 1966 को बने राज्य की सरकार के मुखिया होंगे। भाजपा विधायक दल की शनिवार को हुई बैठक में खट्टर को नेता चुना गया। वह हरियाणा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं।
खट्टर ने शपथ लेने से पहले मीडिया से कहा, “मेरी सरकार पारदर्शी होगी।” शपथ ग्रहण समारोह में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख और पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल अपने बेटे सांसद सुखबीर बादल के साथ शामिल हुए। शिअद का प्रदेश में भाजपा की प्रतिद्वंद्वी पार्टी इंडियन नेशनल लोक दल (इनलो) के साथ गठबंधन है।
कांग्रेस नेता और दो बार मुख्यमंत्री रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा समारोह में शामिल हुए और भाजपा-जजपा गठबंधन को अवसरवादी करार दिया। तिहाड़ जेल से रिहा हुए दुष्यंत चौटाला के पिता अजय चौटाला ने अपनी पत्नी और दूसरी बार विधायक बनी नैना चौटाला के साथ शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत की।
अजय ने कहा, “दुष्यंत ने मुझ से प्रश्न किया कि क्या हम भाजपा के साथ जाएं या कांग्रेस के साथ गठबंधन करें। मैंने उससे कहा कि चाहे कैसी भी परिस्थति हो हम कभी भी कांग्रेस के साथ नहीं जाएंगे। मैंने उसे भाजपा के साथ जाने को कहा।” भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अन्य लोगों के साथ इस दौरान मौजूद रहे।