हिसार : मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कोई भी व्यक्ति या समाज अकेला आगे नहीं बढ सकता है। एक-दूसरे पर निर्भरता ही समाज को आगे बढ़ाने में भूमिका निभाती है, जो सामाजिक सौहार्द का आधार भी बनती है। सामाजिक प्राणी होने के नाते हम सभी का दायित्व बनता है कि हम एक-दूसरे का पूरक बनकर समाज व प्रदेश में समरसता की भावना को मजबूत करने का काम करें। वे गांव ढंढूर में मिर्चपुर से विस्थापित हुए परिवारों के पुनर्वास की आधारशिला रखने उपरांत उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को आगे बढाते हुए उनकी सोच के अनुरूप अंतिम व्यक्ति को आगे बढाने का काम कर रही है। अंत्योदय का मतलब अंतिम व्यक्ति का विकास और प्रदेश सरकार का भी उद्देश्य पिछड़े, गरीब व अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना है।
इसी कड़ी में आज मिर्चपुर से विस्थापित परिवारों के लिए गांव ढंढूर में पुनर्वास व्यवस्था की आधारशिला रखी गई है। उन्होंने कहा कि इस पुनर्वास का सपना पार्टी के प्रेरणा स्रोत पंडित दयाल की सोच के अनुरूप हुआ है, इसलिए मेरा सुझाव है कि इस क्षेत्र का नाम दीनदयाल पुरम रखा जाए। इस क्षेत्र में एक पार्क भी विकसित किया जाए, जिसका नाम भी पंडित दीनदयाल उपाध्याय पार्क रखा जाए। उन्होंने कहा कि घटनाएं दुर्भाग्यवश घट जाती हैं, जिसके समाधान की जिम्मेवारी किसी पर डाली जाती है। लेकिन यह बड़े ही दुख की बात है कि मिर्चपुर में वर्ष 2010 में इस दुखद घटना के चार बाद तक तत्कालीन सरकार ने कोई समाधान नहीं निकाला। उस समय हम विपक्ष में थे और हमने इस समस्या के हल के लिए प्रयास जारी रखा।
इसके लिए हमने दोनों पक्षों से बातचीत करने के साथ-साथ विभागों को भी इस समस्या के निदान का माध्यम बनाया है। हमनें जब देखा कि इस समस्या का समाधान केवल इन लोगों का पुनर्वास ही है, तो सरकार ने भारतीय जनता पार्टी के प्रेरणा स्रोत पंडित दीनदयाल उपाध्यास की सोच के अनुरूप गांव ढंढूर में मिर्चपुर विस्थापितों के पुनर्वास करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि हम सब एक सामाजिक प्राणी हैं और हमारा विकास एक-दूसरे पर निर्भर है। आप अपनी उस मिट्टे से जुड़े रहें, जिसको आपके पूर्वजों ने अपने खून-पसीने से सिंचा है। आप भले ही यहां बस जाएं, लेकिन वहां पर भी अपना आना-जाना जारी रखना।
– राज पराशर