कुरुक्षेत्र : पांच दिन के प्रवास के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक के सर संघचालक मोहन भागवत कुरुक्षेत्र से वापिस रवाना हो गए। अपने प्रवास के अंतिम दिन मोहन भागवत ने पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर तथा दिल्ली से बुलाए गए लगभग 35 संतों के साथ बैठक की। यह बैठक पूर्ण रूप से गुप्त रखी गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इन संतो मे से कोई भी नामी-घरामी संत नही था। संघ के सूत्रों के अनुसार एक सुनियोजित रणनीति के तहत केवल ऐसे संतों को बैठक में बुलाया गया जो बडे नामी-घरामी संत नही हैं लेकिन उनका जनता से बडा जुडाव है। पता चला है कि संघ प्रमुख संतों के साथ लगभग 4 घंटे तक रहे और जलपान किया। मंत्रणा के डेढ़-डेढ़ घंटे के दो सत्र रखे गए थे, जबकि एक घंटा संघ प्रमुख ने संतों के साथ अनौपचारिक रूप से वार्तालाप की।
पता चला है कि मोहन भागवत को संतों के बीच हुई इस बैठक में अध्यात्म पर चर्चा की गई। राम जन्म भूमि और जम्मू-कश्मीर पर चर्चा के साथ विशेष नागरिकता संसोधन बिल पर चर्चा हुई। बैठक में संतों की समाज में भूमिका पर भी गहन चर्चा हुए। संघ की सोच है कि पूरे हिंदू समाज को एक झंडे के नीचे इकट्ठा कर ही राष्ट्र को मजबूत किया जा सकता है और इस कार्य में उन्होने संतों से भी सहयोग मांगा।
उल्लेखनीय है कि आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत 12 दिसंबर की रात्रि को कुरुक्षेत्र पहुंचे थे। 13 दिसंबर से 17 दिसबर तक मोहन भागवत ने पांच प्रदेशों से आए संघ प्रचारकों, संघ प्रतिनिधियों के साथ मंत्रणा करके हिंदू समाज को संगठित करने और संघ की शाखाओं का विस्तार करने पर बल दिया। पांचों प्रदेशों से आए संत प्रतिनिधियों से उनके प्रदेशों में संघ की गतिविधियों का ब्यौरा प्राप्त किया।
मनोहर लाल ने की संघ प्रमुख से मुलाकात
मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी गत रात्रि अचानक कुरुक्षेत्र पहुंचे और अपने सुरक्षाकर्मियों को बाहर छोडकर सर संघचालक के साथ उन्होने लगभग आधे घंटे तक मंत्रणा की। यह बताया जाता है कि दोनो के बीच हुई इस बैठक में कोई तीसरा व्यक्ति मौजूद नही था।
संघ के पदाधिकारी इसे समान्य शिष्टाचार की भेंट बता रहे हैं लेकिन सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री की ओर से संघ प्रमुख से मिलने की इच्छा व्यक्त की गई थी पिछले दो दिनों से अटकलें लगाई जा रही थी की मनोहर किसी भी समय संघ प्रमुख से मिलने पहुंच सकते हैं।
सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में संघ प्रमुख ने मनोहर लाल को जनता की आशाओं के अनुरूप चलने की नासीहत दी। बैठक में गत विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन पर भी चर्चा हुई।