चंडीगढ़: पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय ने बुधवार को नेशनल हेराल्ड अखबार के प्रकाशक, कांग्रेस नेता मोतीलाल बोरा और एसोसिएट जनरल लिमिटेड (एजेएल) की याचिकाओं के नोटिस पर प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी किया। मुख्य न्यायाधीश एसजे वाजिफदार और न्यायमूर्ति अनूपेन्द्र सिंह ग्रेवाल की उच्च न्यायालय की पीठ ने ईडी द्वारा पंजीकृत प्रर्वतन मामले की जांच रिपोर्ट (इसीआईआर) को रद्द करने की मांग करने वाली याचिकाओं पर 23 मई तक जवाब मांगा है। मोतीलाल बोरा एजेएल के अध्यक्ष हैं और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी की इसमें शामिल हैं, 15 जुलाई, 2016 को ईडी के चंडीगढ़ कार्यालय द्वारा पंजीकृत ईसीआईआर, पूर्व मुख्यमंत्री भूपिन्द्र सिंह हुड्डा के खिलाफ धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में हरियाणा सतर्कता ब्यूरो की 5 मई, 2016 की प्राथमिकी पर आधारित था, बाद में दिसम्बर में हरियाणा सरकार ने मामले की सीबीआई जांच सिफारिश की थी। 1982 में पट्टे की शुरूआत एजेएल ने आवंटित की गई थी। 1996 में पट्टे की अवधि समाप्त होने के बाद भी, बंसीलाल की अगुवाई में हरियाणा विकास पार्टी सरकार ने अपना कब्जा वापस ले लिया था। 2005 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद इसे एजेएल को फिर से आवंटित किया गया था। एजेएल द्वारा बोरा की एक ओर याचिका पहले से ही उच्च न्यायालय में लंबित है। जिसमें एजेएल ने ईसीआईआर की एक प्रति की मांग की थी।