चंडीगढ़ : हरियाणा में होने वाले नगर निगम चुनाव के दौरान प्रदेश के एक दर्जन भाजपा विधायकों को परीक्षा के दौर से गुजरना पड़ेगा। उक्त विधायकों के क्षेत्र से पार्टी की जीत व हार ही उक्त विधायकों का भविष्य तय करेगी। जिसके चलते पार्टी हाईकमान ने भी उक्त विधायकोंको सीधे तौर यह बता दिया है कि निगम चुनाव में उन्हें अपनी भूमिका मजबूत बनाते हुए पार्टी प्रत्याशियों को जीताने के लिए दिन रात एक करना पड़ेगा।
हरियाणा में पांच नगर निगम और दो नगर पालिकाओं के चुनाव आगामी विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों के ट्रायल के तौर पर देखे जा रहे हैं। इन चुनावों का सीधा असर हरियाणा विधानसभा की 18 सीटों पर पडऩे वाला है। जिन शहरों में चुनाव हो रहे हैं, उनके अधीन 18 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनमें से 12 हलके सत्तारूढ़ भाजपा से जुड़े विधायकों के हैं।
खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से लेकर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व सीएम स्वर्गीय चौधरी भजनलाल और जिंदल परिवार सहित सभी दलों के कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। सबसे बड़ी अग्नि परीक्षा भाजपा के उन एक दर्जन विधायकों की होगी जिनके यहां चुनावी बिगुल बज गया है। यमुनानगर निगम में इस जिला की चारों विधानसभा सीटें प्रभावित होंगी। चारों ही सीटों पर भाजपा विधायक हैं।
यमुनानगर से घनश्याम सर्राफ, जगाधरी से विधानसभा स्पीकर कंवरपाल गुर्जर, रादौर से श्याम सिंह राणा व सढ़ौरा हलके से बलवंत सिंह सढ़ौरा विधायक हैं। करनाल नगर निगम में भी विधानसभा के करनाल, इंद्री व घरौंडा हलकों का एरिया आता है। सीएम यहां से खुद विधायक हैं।
इंद्री से कर्णदेव कांबोज भी वर्तमान सरकार में मंत्री हैं। वहीं घरौंडा विधायक हरविंद्र कल्याण भी हैफेड के चेयरमैन हैं। पानीपत सिटी और पानीपत ग्रामीण के इलाकों को मिलाकर इस शहर को निगम बनाया गया था। इन दोनों हलकों में भाजपा विधायक हैं। वहीं रोहतक निगम के अधीन तीन हलकों का एरिया जुड़ा है।
इनमें रोहतक सिटी के अलावा पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के निर्वाचन क्षेत्र गढ़ी सांपला किलोई और कांग्रेस विधायक शकुंतला खटक के निर्वाचन क्षेत्र कलानौर का एरिया निगम दायरे में शामिल है। इसी तरह से जाखल मंडी पालिका का एरिया टोहाना से जुड़ा है और यहां से भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला विधायक हैं। कैथल के पुंडरी से दिनेश कौशिक निर्दलीय विधायक हैं और उन्होंने सरकार को समर्थन दिया हुआ है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा अंबाला से सांसद रही हैं। यमुनानगर जिला उनके संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। ऐसे में आगामी लोकसभा चुनावों के लिए माहौल बनाने से पहले उन्हें निगम चुनावों के लिए पूरा जोर लगाना होगा। गन्नौर से विधायक कुलदीप शर्मा करनाल में ही रहते हैं। वे यहां से लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। ऐसे में करनाल में कुलदीप के अलावा पूर्व विधायक सुमिता मिश्रा सहित पार्टी के दूसरे दिग्गज नेताओं को भी मेहनत करनी होगी।
(राजेश जैन)